अब हाई-टेक मुनारों से होगी जंगलों की पहचान, QR कोड स्कैन कर मिलेगी पूरी जानकारी

खैरागढ़। जंगलों की पहचान और संरक्षण को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए वन विभाग ने हाई-टेक मुनारे स्थापित करने की अनूठी पहल शुरू की है। अब पारंपरिक पत्थरों के ढेर से बने मुनारों की जगह मजबूत और टिकाऊ मुनारे लगाए जाएंगे, जिनमें QR कोड लगा होगा। यह QR कोड स्कैन करने पर उस वन क्षेत्र की पूरी डिजिटल जानकारी उपलब्ध कराएगा

अब पूरी जानकारी मिलेगी डिजिटल रूप में

पहले के मुनारों में सीमित जानकारी लिखी जा सकती थी, लेकिन अब QR कोड के जरिए वन क्षेत्र का नाम, सीमाएं, क्षेत्रफल, वन्यजीवों और वनस्पतियों की विस्तृत जानकारी मोबाइल स्क्रीन पर तुरंत देखी जा सकेगी। इससे वन विभाग को कार्यप्रणाली बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और आम नागरिक भी जंगलों के बारे में अधिक जागरूक हो सकेंगे।

मजबूत संरचना, लंबी उम्र

इन नए मुनारों को पहले से ज्यादा टिकाऊ बनाया गया है। इनमें 6mm और 8mm के TMT सरिए और 1:3:6 के विशेष मिश्रण का उपयोग किया गया है, जिससे ये 40 से 50 साल तक सुरक्षित रह सकते हैं और सही देखभाल से इनकी उम्र 100 साल तक भी हो सकती है। पहले के मुनारे मात्र 3-4 साल में खराब हो जाते थे, जिससे बार-बार नए मुनारे लगाने की जरूरत पड़ती थी।

जंगलों की सुरक्षा और संरक्षण में मददगार

वन विभाग के डीएफओ आलोक तिवारी के अनुसार, यह डिजिटल मुनारा प्रणाली अवैध कटाई, अतिक्रमण और वन्यजीवों की सुरक्षा पर नजर रखने में मददगार होगी। इसके अलावा, पर्यटकों, शोधकर्ताओं और स्थानीय लोगों को भी जंगलों की सटीक जानकारी आसानी से मिल सकेगी।

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