5 लाख का इनामी नक्सली गिरफ्तार: सुरक्षाबलों ने घेराबंदी कर बिनागुंडा के जंगल से पकड़ा

पखांजूर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के पखांजूर में पांच लाख रुपये के इनामी नक्सली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बीएसएफ और जिला पुलिस बल ने घेराबंदी कर बिनागुंडा के जंगल से गिरफ्तारी की। पकड़ाए गए नक्सली का नाम राजू नुरुटी बताया जा रहा है। यह मामला छोटेबेठिया थाना क्षेत्र का है।
मुठभेड़ में नक्सलियों का CC मेम्बर ढेर:
वहीं गुरुवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच नेशनल पार्क के जंगलों में मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में जवानों ने नक्सलियों के CC मेम्बर नरसिम्हाचलम उर्फ गौतम उर्फ सुधाकर को ढेर कर दिया। सुधाकर नक्सलियों के शिक्षा विभाग का इंचार्ज था और इस पर एक करोड़ का ईनाम था। वह आंध्रप्रदेश के चिंतापालुदी का रहने वाला है।
छत्तीसगढ़ में सक्रिय रहे 17 नक्सलियों ने तेलंगाना में किया आत्मसमर्पण:
वहीं एक हफ्ते पहले बीजापुर जिले में छत्तीसगढ़ और तेलंगाना सीमा पर सक्रिय 17 नक्सलियों ने भद्राद्री कोठागुडेम जिले की पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। जानकारी के अनुसार, ये सभी नक्सली लंबे समय से माओवादी संगठन से जुड़े हुए थे और बस्तर क्षेत्र में विभिन्न नक्सली गतिविधियों में शामिल थे। आत्मसमर्पण करने वाले ये नक्सली तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा क्षेत्र में सक्रिय थे और बस्तर में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे सघन अभियान से दबाव में थे। इसी दबाव के चलते उन्होंने हथियार छोड़ने का फैसला किया।
सरकार की पुनर्वास नीति का असर:
अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों के आत्मसमर्पण के पीछे राज्य और केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही पुनर्वास नीति और आत्मसमर्पण कार्यक्रम की अहम भूमिका रही है। इन योजनाओं के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सुरक्षा, रोजगार, और पुनर्वास की सुविधाएं दी जाती हैं।
पहले भी हो चुके हैं आत्मसमर्पण:
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही सुकमा जिले के दो एरिया कमांडर समेत 14 नक्सलियों ने सरेंडर किया था। इनमें से 13 नक्सली बीजापुर जिले से थे। यह घटनाक्रम दर्शाता है कि बस्तर और उसके आसपास के क्षेत्रों में फोर्स की सघन उपस्थिति और नीतिगत प्रयासों का असर दिखाई दे रहा है।