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एमएस धोनी की हाईकोर्ट से गुहार- मेरे खिलाफ केस में दम नहीं, न करें मानहानि मामले में सुनवाई

नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट के सामने अपना बयान दर्ज करवाया। धोनी ने कहा कि उनके दो पूर्व बिजनेस पार्टनर की उनके खिलाफ दायर मानहानि याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है। उच्च न्यायालय ने फिलहाल धोनी , कई मीडिया घरानों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के खिलाफ कोई भी अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया ताकि उन्हें किसी भी मंच पर वादी के खिलाफ किसी भी कथित झूठी मानहानिकारक सामग्री को पोस्ट करने या प्रकाशित करने से रोका जा सके जो उनकी साख और प्रतिष्ठा को धूमिल कर सकती है।

वादी और पूर्व बिजनेस पार्टनर मिहिर दिवाकर और उनकी पत्नी सौम्या दास ने धोनी, कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और मीडिया घरानों के खिलाफ स्थायी रोक और क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्हें मानहानि कारक, झूठी बातें बनाने, प्रकाशित करने, प्रसारित करने से रोकने की मांग की है। धोनी के वकील अदालत में पेश हुए और कहा कि उनके खिलाफ दायर याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और उन्होंने हाल ही में रांची की एक अदालत में दंपति के खिलाफ मामला दायर किया है। उनके वकील ने आगे कहा कि उन्हें वादपत्र और संबंधित दस्तावेजों की प्रति नहीं मिली है और उन्हें मामला दायर करने के बारे में केवल उच्च न्यायालय रजिस्ट्री द्वारा सूचित किया गया था।

क्या है मामला

इस पर अदालत ने वादी के वकील से तीन दिन के भीतर धोनी के वकील को दस्तावेजों का पूरा सेट उपलब्ध कराने को कहा। वादी की ओर से पेश वकील ने कहा कि वह केवल मीडिया द्वारा निष्पक्ष रिपोर्टिंग चाहते थे और दावा किया कि उनके मुवक्किलों के खिलाफ मीडिया रिपोर्टिंग निष्पक्ष नहीं थी क्योंकि उन्हें पहले ही ठग और चोर करार दिया जा चुका है। मीडिया घरानों में से एक का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील सिद्धांत कुमार ने यह भी तर्क दिया कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और उन्होंने पहले के फैसले में कहा था कि जब तक मीडिया घरानों सहित प्रत्येक प्रतिवादी के खिलाफ विशिष्ट आरोप नहीं लगाए जाते, तब तक कोई मामला नहीं बनाया जाएगा।

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