इंदौर। मध्यप्रदेश और राजस्थान को समृद्ध और किसानों को खुशहाल बनाने वाली पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के लिए त्रि-स्तरीय अनुबंध हो गया है। यह कार्यक्रम राजस्थान के जयपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुआ।
एक तरफ जयपुर में मुख्य कार्यक्रम चल रहा था, जो दूसरी ओर मध्य प्रदेश के योजना से लाभान्वित होने वाले जिलों में किसान सम्मान किया गया। देवास जिले में जिला स्तरीय किसान सम्मेलन टोंकखुर्द में मंडी मैदान में सुबह 10.30 बजे से आयोजित हुआ।
जल संसाधन विभाग की 3612.90 करोड़ रुपये की पार्वती, कालीसिंध, चंबल नदी जोड़ो परियोजना का भूमि पूजन मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया। सीधा प्रसारण उज्जैन सहित प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों पर किया गया।
योजना के क्रियान्वयन से उज्जैन के 171 गांव के किसान लाभान्वित होंगे। इस जानकारी के साथ अन्य जानकारी साझा करने को सुबह 10 बजे इंदौर की चिमनगंज कृषि उपज मंडी प्रांगण में जिला स्तरीय किसान सम्मेलन रखा गया।
देवास में भी हुआ कार्यक्रम
देवास जिले में परियोजना से लाभांवित होने वाले ग्रामों में ग्रामीणों द्वारा मंदिरों में कलश यात्रा, प्रभात फेरी निकली गई एवं भजन मंडली द्वारा नियमित पूजा-अर्चना की गई।
लिंक परियोजना से प्रदेश के चंबल और मालवा क्षेत्र के लाखों किसानों काे लाभ होगा। परियोजना से 13 जिलों को सिंचाई, पेयजल, मत्स्य पालन एवं औद्योगिक प्रयोजन के लिए पानी की आपूर्ति की जाएगी।
नदियों के जुड़ने से एमपी में कहां-कहां होगा फायदा
यह परियोजना मध्यप्रदेश के गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, राजगढ़, उज्जैन, आगर-मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर एवं मुरैना के किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी और पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी। इससे किसानों के जीवन में खुशहाली आने के साथ उनकी फसलें भी लहलहा उठेंगी।