वर्ष 2021 में जनकपुर तहसील में तहसीलदार के पद पर सत्यपाल राय पदस्थ थे। पंजीयक के अतिरिक्त चार्ज में थे। इस दौरान गोविंद राम प्रजापति ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी कि बिना उनकी सहमति के उनकी जमीन की बिक्री की अनुमति तहसीलदार ने दे दी थी। इस मामले में पटवारी आशीष सिंह ने प्रतिवेदन बना कर दिया था। मामले में पुलिस ने जनकपुर थाने में पटवारी आशीष सिंह और तहसीलदार सत्यपाल राय पर दर्ज किया था।
MCB News: 4 साल से मामले में गिरफ्तारी नहीं हो रही थी। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने पेंडिंग प्रकरणों की समीक्षा की और निराकरण के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में यह मामला भी संज्ञान में आया। इस मामले में मनेद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर कलेक्टर राहुल वेंकट ने जब समीक्षा की तब पता चला कि तहसील दफ्तर से आवश्यक जानकारी पुलिस को उपलब्ध नहीं करवाई जा रही थी जिसके चलते पुलिस की कार्यवाही रुकी हुई थी। कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस को आवश्यक जानकारी उपलब्ध करवाई गई।
MCB News: दस्तावेजों के अवलोकन से स्पष्ट हुआ कि उप पंजीयक के चार्ज में रहते हुए तहसीलदार ने दस्तखत कर किसान की जमीन बिकवाई थी। मामला प्रमाणित होने के बाद पुलिस ने तत्कालीन जनकपुर के तहसीलदार और वर्तमान में कोरबा जिले के कोरबा में पदस्थ तहसीलदार सत्यपाल राय को कोरबा से गिरफ्तार कर लिया है। कोरबा से पहले सत्यपाल राय करतला के तसीलदार थे। वहीं तत्कालीन पटवारी आशीष सिंह अब प्रमोट होकर राजस्व निरीक्षक बन चुके है और उनकी पदस्थापना मनेंद्रगढ़ में है। उन्हें भी गिरफ्तार किया गया है।