मराठा आरक्षण: जरांगे का धरना खत्म होते ही अधिसूचना जारी, जानिए महाराष्ट्र सरकार ने किसे दी मान्यता

मुंबई : मराठा आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। आज सीएम एकनाथ शिंदे ने मनोज जरांगे से मुलाकात की। इस दौरान दोनों ने मिलकर छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान दोनों के बीच मसौदा अध्यादेश को लेकर चर्चा की गई।

गौरतलब है कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे धरने पर बैठे थे, सीएम ने आज उन्हें जूस पिलाकर उनका अनशन तोड़ा है। इसी बीच, महाराष्ट्र सरकीर ने मराठा समुदाय के सदस्यों के रक्त सबंधियों को कुनबी की मान्यता देने के लिए एक अधिसूचना जारी की है, जिनके पास कुनबी जाति के रिकॉर्ड पाए गए हैं। बता दें कुनबी एक कृषक समुदाय है, जो अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी से आते हैं। मनोज जरांगे सभी मराठों के लिए कुनबी प्रमाण पत्र की मांग कर रहे थे।

सरकार ने जारी की अधिसूचना

महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, मसौदा नियमों को महाराष्ट्र अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, गैर-अधिसूचित जनजाति, खानाबदोश जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और विशेष पिछड़ा वर्ग (जारी करने और सत्यापन का विनियमन) जाति प्रमाण पत्र (संशोधन) नियम, 2024 कहा जाएगा।

अधिसूचना के मुताबिक, कुनबी जाति प्रमाण पत्र आवेदक द्वारा अपने रक्त रिश्तेदारों – चाचा, भतीजे और उसके परिवार के अन्य सदस्यों के साथ-साथ “पितृसत्तात्मक” रिश्तेदारों के साथ संबंध स्थापित करने के लिए एक हलफनामा प्रस्तुत करने पर जारी किया जाएगा, जिन्हें कुनबी रिकॉर्ड मिला है। क्षेत्रीय जांच और सत्यापन के बाद कुनबी जाति प्रमाण पत्र तुरंत जारी किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि कुनबी होने का रिकॉर्ड रखने वाले व्यक्ति की एक ही जाति में विवाह से बने संबंधों को भी जाति प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

जरांगे ने दी थी राज्य सरकार को चुनौती

शुक्रवार को अपने भाषण के दौरान जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर रात तक उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो, वह मुंबई स्थित आजाद मैदान में अपने तय धरने को लेकर तैयारियां तेज कर देंगे और शनिवार को मुंबई में प्रवेश करेंगे। साथ ही उन्होंने सरकार से एक नई मांग कर दी है। जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार सभी मराठों को शामिल करने के लिए अपनी मुफ्त शिक्षा नीति में संशोधन करें, जब तक आरक्षण का लाभ पूरे समुदाय के लिए उपलब्ध न हो जाए।

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