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ज्ञानवापी परिसर के उत्तर में बंद कर दिए गए हैं कई तहखाने, एएसआई के सर्वेक्षण में अहम खुलासे

वाराणसी : ज्ञानवापी में व्यासजी के तहखाने के अलावा भी कई तहखाने हैं। इसमें चार तहखाने बंद कर दिए गए हैं। यह खुलासा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में किया है। एएसआई की ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक से हुई जांच में बताया गया कि चबूतरे के नीचे प्लेटफार्म क्षेत्र में कई तहखानों की छत है। इसका ऊपरी हिस्सा खुला है, मगर नीचे की परत मलबे से भरी हुई है। इसमें मलबा भरकर बंद किया गया है।

मंच के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में कई खोखले या आंशिक रूप से भरे हुए तीन मीटर चौड़े तहखाने हैं। इसमें नौ वर्गमीटर आकार के कमरे हैं, जो एक मीटर मोटी दीवारों हैं। इन बड़े तहखानों में दक्षिणी दीवार की ओर खुले स्थान हैं, जिन्हें अब सील कर दिया गया है। क्योंकि जीपीआर सिग्नलों में 1-2 मीटर चौड़े अलग-अलग पैच देखे गए हैं।

तहखाने के उत्तर की ओर खुले कार्यात्मक दरवाजे हैं। पूर्वी हिस्से में 2 मीटर चौड़ाई के 3 से 4 तहखाने हैं और पूर्वी दीवार की मोटाई अलग-अलग है। गलियारे क्षेत्र से सटे, मंच के पश्चिमी किनारे पर 3 से 4 मीटर चौड़े तहखानों की दो पंक्तियां देखी गई हैं। तहखाने के भीतर छिपा हुआ कुआं दो मीटर चौड़ा है और दक्षिणी तरफ एक अतिरिक्त कुएं के निशान मिले हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि तहखाने की दीवारों की जीपीआर स्कैनिंग से छिपे हुए कुएं और गलियारे के अस्तित्व का भी पता चलता है। जीपीआर में दिखाया गया कि दक्षिणी तहखाने का दरवाजा एक दीवार से ढका हुआ है|

ज्ञानवापी परिसर में ही स्थापित हुई थी एएसआई की प्रयोगशाला

एएसआई ने सर्वे के दौरान सफाई, लेबलिंग, वर्गीकरण और नाजुक व खराब वस्तुओं का परीक्षण किया था। इसके लिए उसी परिसर में एक क्षेत्रीय प्रयोगशाला स्थापित की गई थी। इसमें धातु सहित अन्य सामग्रियों की जांच में मदद मिली थी।

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