CG नक्सल कमेटी में बड़ा फेरबदल : हिड़मा हटाया गया, सेंट्रल कमेटी में झारखंड के पतिराम माझी को मिली जगह
जगदलपुर। बस्तर में नक्सलियों को लगातार मिल रही नाकामयाबी व मुठभेड़ में मारे जा रहे इनामी नक्सलियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नक्सल संगठन द्वारा सेंट्रल कमेटी में बदलाव किए जाने की खबर है। कुछ माह पूर्व नक्सलियों की मिलिट्री बटालियन नम्बर एक के चीफ माड़वी हिड़मा को सेंट्रल कमेटी में शामिल किए जाने की खबर के बीच वर्तमान में हिड़मा की जगह सेट्रल कमेटी में झारखण्ड के खूंखार नक्सली 1 करोड़ के इनामी पतिराम माझी को शामिल किए जाने की खबर है।
गौरतलब है कि, पिछले 13 माह में बस्तर संभाग के अलग अलग जिलों में सुरक्षाबलों ने सवा 2 सौ से अधिक करोड़ों रुपए के इनामी नक्सलियों को मार गिराया है। सुरक्षाबलों द्वारा लगातार नक्सलियों के कोर इलाके में घुसकर आपरेशन चलाया जा रहा है और नक्सलियों को उनके आधार इलाकों से खदेड़ा जा रहा है। फोर्स को लगातार मिल रही सफलताओं से बस्तर में नक्सलवाद की जड़ें कमजोर होने लगी हैं। जिसे देखते हुए सेंट्रल कमेटी में बदलाव की खबर है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सल मुक्त भारत के लिए मार्च 2026 की समय सीमा तय की है। इस समय सीमा के हिसाब से सुरक्षाबल अपने काम को अंजाम भी दे रहे हैं। सुरक्षाबलों द्वारा लगातार छोटे-बड़े कैडर के नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया जा रहा है। इसे देखते हुए सेंट्रल कमेटी का नए सिरे से गठन किए जाने की खबर है।
झूठी खबर फैलाई जा रही
बस्तर में वर्तमान में जिस तरह पुलिस व सुरक्षा बलों द्वारा अपनी जान की परवाह न करते हुये पूर्ण समर्पित भाव से नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और उन्हें सफलता भी मिल रही है। माओवादी संगठन द्वारा क्षेत्र की जनता को दिक्भम्रित करने कई प्रयोग किये जा रहे हैं बावजूद सभी हथकंडे नाकाम साबित हो रहा है। केन्द्रीय गृहमंत्री के ऐलान के बाद जल्द ही बस्तर नक्सल आतंक से मुक्त होगा। लगातार मिल रही असफलता के बीच माओवादी संगठन द्वारा हाल ही में अपने कैडर का मनोबल को बढ़ाने की असफल प्रयास करते हुए पुजारी कांकेर-तुमरेल में 6 पुलिस जवानों के शहीद होने का झूर्वी खबर जारी किया गया था, जबकि इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के किसी भी जवान की शहादत नहीं हुई थी।
सेंट्रल कमेटी के टॉप टेन लीडरों में पतिराम सबसे यंग
जानकारी के मुताबिक, हाल ही में सेंट्रल कमेटी में शामिल होने के बाद बाहर निकाले गए माड़वी हिड़मा की उम्र सेंट्रल कमेटी में सबसे कम मानी जा रही थी, लेकिन माड़वी हिड़मा को निकालने के बाद अब सबसे कम लगभग 54 वर्ष झारखण्ड के खूंखार नक्सली पतिराम मांझी उर्फ अनल दा उर्फ गोपाल दा उर्फ रमेश उर्फ नीरज निवासी गिरीडीह जिले के डरहा गांव को माना जा रहा है। माओवादियों की केंद्रीय सैन्य समिति में 70 वर्ष से अधिक आयु के सदस्य शामिल हैं, इससे पूर्व तक सबसे कम उम्र का सदस्य 71 वर्ष का रहा है। सेंट्रल कमेटी के अधिकांश मेंबर वर्तमान में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं, इनमें मिशिर बेसरा, गणपति, चंदी जैसे नेता शामिल हैं, लेकिन पतिराम मांझी को सेंट्रल कमेटी में शामिल किए जाने के बाद सबसे यंग मेंबर इसे ही माना जा रहा है।
बस्तर में कई बड़ी घटनाओं का मास्टर माइंड हिड़मा
माड़वी हिडमा केंद्रीय समिति को प्रभावित करने वाली प्रमुख आवाजों में से एक था। इस दौरान उसने कई बड़ी नक्सल वारदातों को अंजाम दिया, जिसमें दर्जनों जवानों की शहादत हुई थी, इसे देखते हुए वर्ष 2017 के सुकमा हमले के बाद उसे पदोन्नत करते हुए बहुत महत्वपूर्ण पद पर रखा गया था, लेकिन इसके बाद उसे वर्ष 2024 में सेंट्रल कमेटी में शामिल किए जाने और वर्ष 2025 के पहले माह में ही उसे हटाए जाने की बात सामने आ रही है। बस्तर में लगातार सुरक्षाबलों को मिल रही कामयाबी व संगठन के हो रहे नुकसान को देखते हुए केंद्रीय समिति के साथ-साथ पूर्वी ब्यूरो में भी बदलाव की भी खबर है।
बाहरी व लोकल कैडर के बीच मनमुटाव की खबर
बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने कहा कि, नक्सल संगठन में बदलाव देखने को मिल रहा है, इसकी मूल वजह बाहरी व लोकल कैडर के बीच मनमुटाव को बताया जा रहा है। यही वजह है कि संगठन में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। विगत 4-5 दशक से बस्तर क्षेत्र की शांति, सुरक्षा एवं विश्वास का दुश्मन बना नक्सल संगठन अपना अंतिम सांस ले रहा है।