बस्तर के इतिहास का सबसे बड़ा नक्सल विरोधी अभियान, मुख्यमंत्री साय ने BSF कैंप में जवानों का मनोबल बढ़ाया, DRG को 200 बाइकें सौंपीं

नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने नक्सल विरोधी इतिहास का सबसे बड़ा ऑपरेशन चलाकर बड़ी सफलता हासिल की है। इस अभियान में नक्सली कमांडर बसव राजू समेत 27 माओवादी मारे गए। इस ऐतिहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज नारायणपुर के बासिंग स्थित BSF कैंप पहुंचे, जहां उन्होंने जवानों की हौसला अफजाई की और DRG कमांडो को गश्त के लिए 200 नई मोटरसाइकिलें वितरित कीं।

15 घंटे में 32 किमी पैदल मार्च, नक्सलियों पर भारी पड़ी DRG की रणनीति

ऑपरेशन की जानकारी देते हुए नारायणपुर एसपी ने बताया कि DRG के जवानों ने अत्यंत दुर्गम इलाके में 15 घंटे में 32 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर नक्सलियों के ठिकाने पर धावा बोला। नदी-नालों और घने जंगलों को पार करते हुए जवान सीधे बसव राजू के डेरे तक पहुंचे और उसे मार गिराया। इस साहसिक अभियान की मुख्यमंत्री ने खुलकर सराहना की और शहीद जवानों के परिवारों से मुलाकात कर उन्हें संबल दिया।

मुख्यमंत्री ने DRG कमांडो के साथ बैठकर किया भोजन, महिला जवानों ने कहा— “गर्व का पल”

मुख्यमंत्री ने DRG कैंप में जवानों के साथ बैठकर भोजन किया, जिससे उनका मनोबल काफी बढ़ा। DRG की एक महिला कमांडो ने बताया, “पहली बार कोई मुख्यमंत्री हमारे बीच आकर भोजन कर रहा है, यह हमारे लिए गर्व का क्षण है।” उन्होंने बताया कि कैसे कठिन परिस्थितियों में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया और बीती रात जवानों ने अपनी जीत का जश्न मनाया।

“31 मार्च 2026 तक नक्सलमुक्त होगा बस्तर”— सीएम साय

मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास को गति देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “यह क्षेत्र प्राकृतिक संपदा से भरपूर है, लेकिन नक्सलवाद ने विकास रोक रखा था। अब हमारा लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक पूरे बस्तर को नक्सलमुक्त करना है।” उन्होंने नक्सलियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील दोहराते हुए बताया कि अब तक 1,300 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

ग्रामीणों से सीधा संवाद, महतारी वंदन योजना की मिली सराहना

मुख्यमंत्री ने ‘आपका सरकार, आपका ग्राम’ अभियान के तहत जनचौपाल लगाकर ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। उन्होंने पूछा कि क्या उन्हें राशन, बिजली और महतारी वंदन योजना का लाभ मिल रहा है। ग्रामीणों ने हाथ उठाकर योजना की पुष्टि की। एक महिला माहेश्वरी ने बताया कि उन्होंने योजना की राशि से सिलाई मशीन खरीदी और अब ₹4,000-5,000 प्रतिमाह कमा रही हैं।

1 करोड़ से अधिक की विकास योजनाओं का किया ऐलान

मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को कई सौगातें दीं—

  • पुलिया निर्माण के लिए ₹20 लाख

  • खेल मैदान के लिए ₹10 लाख

  • सीसी रोड के लिए ₹25 लाख

  • घोटुल निर्माण के लिए ₹15 लाख

  • गढ़ बंगाल से डोनर तक 30 किमी सड़क निर्माण

  • डोंगरगढ़ से ओरछा तक सड़क का काम

इस ऐतिहासिक ऑपरेशन ने नक्सलवाद के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार के संकल्प को और मजबूत किया है। अब देखना है कि क्या 2026 तक बस्तर को पूरी तरह नक्सलमुक्त करने का लक्ष्य हासिल हो पाता है।

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