राजधानी के रिंग रोड पर फटा मेन वाटर पाइप : सड़क पर बहा लाखो लीटर पानी, यातायात भी हुई बाधित

रायपुर : राजधानी रायपुर के रिंग रोड नंबर गे से एक बड़ी और चिंताजनक खबर सामने आ रही है। यहां सप्लाई वाटर का मेन पाइप अचानक फट गया, जिससे लाखों लीटर पानी सड़कों पर बहता नजर आया है। पानी के तेज बहाव की वजह से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई है।
जानकारी के अनुसार, फटे पाइप से तेज रफ्तार में पानी निकलने के कारण सड़क पर जाम की स्थिति बन गई है। आधे घंटे से लगातार पानी बह रहा है, जिससे न केवल यातायात बाधित हुआ है, बल्कि शहर के कई इलाकों में पानी सप्लाई पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। जब तक लीकेज पर काबू नहीं पाया जाता, तब तक हालात और बिगड़ सकते हैं।
छत्तीसगढ़ में कचरे से होगी कमाई
वहीं 14 जून, शुक्रवार को एक खबर आई थी कि, राजधानी रायपुर में अब सूखा कचरा बेकार नहीं जाएगा। सूखा कचरा से बायोगैस बनाई जाएगी। इसके लिए नगर निगम रायपुर, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) और भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के बीच त्रिपक्षीय अनुबंध हुआ। इस अनुबंध के तहत 100 करोड़ रुपए की लागत से रावांभाठा क्षेत्र में कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्लॉट स्थापित किया जाएगा। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा रियायती दर पर भूमि भी उपलब्ध कराई जाएगी।
जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा
इस प्लांट में सह-उत्पाद के रूप में प्राप्त जैविक खाद से जैविक खेती को भी प्रोत्साहन मिलेगा, साथ ही ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में भी कमी आएगी, जिससे पर्यावरण स्वच्छ होगा। अनुबंध हस्ताक्षर के अवसर पर निगम के अपर आयुक्त राजेन्द्र कुमार गुप्ता, सीबीडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुमित सरकार और बीपीसीएल मुम्बई के हेड बायोफ्यूल्स अनिल कुमार पी उपस्थित रहे।
लोगों को रोजगार के साथ एक करोड़ का जीएसटी मिलेगा
बायोगैस प्लांट के स्थापित होने से जहां प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 30 हजार मानव दिवस प्रतिवर्ष रोजगार सृजित होंगे, साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इस प्लांट में पूर्ण क्षमता के उत्पादन एवं विक्रय होने पर प्रतिवर्ष लगभग । करोड़ रुपए का जीएसटी भी प्रशासन को प्राप्त होगा।
हर रोज बायोगैस बनाने 50 मीट्रिक टन कचरा का होगा इस्तेमाल
कलेक्टर गौरव कुमार सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी सीबीडीए सुमित सरकार, हेड बायोफ्यूल्स बीपीसीएल मुम्बई अनिल कुमार पी. नगर निगम आयुक्त विश्वदीप की उपस्थिति में निगम, सीबीडीए और बीपीसीएल के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत निगम एवं आसपास के निगमों से लगभग 50 मीट्रिक टन प्रतिदिन ठोस अपशिष्ट का उपयोग जैव ईंधन उत्पादन में किया जाएगा।