माघ मास की पूर्णिमा 24 फरवरी को अत्यंत शुभ योगों में पड़ेगी। पूर्णिमा पर इस बार मंगल और शुक्र का समायोग होगा। दोनों ग्रह बहुत पास दिखाई देंगे। उच्च स्थान पर होंगे और शुभता लाएंगे। शुभफलदायी गजकेसरी योग भी इस दिन बन रहा है। मान्यता है कि इन शुभ योगों में जो भी कार्य किए जाते हैं उनमें सफलता प्राप्त होती है। इस शुभअवसर पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व पुराणों में बताया गया है। माघ पूर्णिमा पर कल्पवास का भी समापन होगा। इस दिन पितृ तर्पण भी किया जाएगा।
संत रविदास जयंती भी
उदया तिथि के अनुसार माघ पूर्णिमा 24 फरवरी को मनाई जाएगी। स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सुबह 5.11 बजे से सुबह 6.02 बजे तक है। बौद्ध समाज के लोग माघ पूर्णिमा को विशेष महत्व देते हैं। इस दिन महात्मा बुद्ध ने आसन मृत्यु की घोषणा की थी। इसी दिन संत रविदास जयंती मनाई जाती है।
कल्पवास का होगा समापन
कल्पवास का समापन माघ पूर्णिमा के दिन स्नान के साथ होता है। माघ मास में कल्पवास की बड़ी महिमा बताई गई है। इस माह पवित्र नदियों के तट पर निवास को कल्पवास कहते हैं। कल्पवास का अर्थ है पवित्र नदी के तट पर निवास कर वेदों का अध्ययन और ध्यान करना है। कल्पवास धैर्य, अहिंसा और भक्ति का संकल्प होता है।