एलपीजी सब्सिडी और मुफ्त राशन योजना का होगा मूल्यांकन, सही लोगों तक लाभ पहुंचाने की बनेगी रणनीति
नई दिल्ली : केंद्र सरकार चार लाख करोड़ रुपये की अब तक की सबसे बड़ी सब्सिडी योजनाओं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और एलपीजी के मूल्यांकन की तैयारी में है। नीति आयोग को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। चार लाख करोड़ रुपये की इन सब्सिडी योजनाओं की समीक्षा इसलिए की जाएगी, ताकि होने वाले खर्च को तर्कसंगत बनाया जा सके। इसके साथ ही किसी तरह के रिसाव को रोका जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि सही लोगों तक लाभ पहुंच रहा है।
नीति आयोग से जुड़े विकास निगरानी और मूल्यांकन कार्यालय ने दोनों योजनाओं के मूल्यांकन के लिए एक केंद्रीय समन्वय एजेंसी के लिए प्रस्ताव मंगाया है। इससे सालाना लगभग 4,00,000 करोड़ रुपये का खर्च आता है। महत्वपूर्ण खर्च के बावजूद भारत को अभी भी खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी परिणाम प्राप्त करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भारत वैश्विक भूख की आबादी में लगभग 30 फीसदी का योगदान देता है।
एमएसएमई के 256 करोड़ रुपये के दावे मंजूर
वहीं, सरकार ने विवाद समाधान योजना ‘विवाद से विश्वास-1’ के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के 256 करोड़ के रिफंड से जुड़े 10,000 से अधिक दावों को मंजूर कर लिया है। योजना के तहत एमएसएमई कंपनियां कोरोना के दौरान सरकारी विभागों एवं सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं की ओर से जब्त प्रदर्शन या बोली गारंटी के 95 फीसदी राशि के रिफंड का दावा कर सकती हैं।
वित्त मंत्रालय ने कहा, कुल 256 करोड़ रुपये के रिफंड में एमएसएमई को सबसे ज्यादा 116.47 करोड़ की राहत पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने दी है। रेलवे और रक्षा मंत्रालयों के तहत एजेंसियों के मामले में रिफंड क्रमशः 79.16 करोड़ और 23.45 करोड़ रुपये का है। इस्पात व बिजली मंत्रालय क्रमशः 14.48 करोड़ व 6.69 करोड़ रिफंड देंगे। विवाद से विश्वास योजना की घोषणा 2023-24 के बजट में हुई थी।
रिलायंस निदेशक के रूप में अंबानी के बच्चे नहीं लेंगे वेतन
रिलायंस इंडस्ट्रीज के बोर्ड में शामिल हुए मुकेश अंबानी के तीनों बच्चों आकाश, अनंत और ईशा को निदेशक के रूप में कोई वेतन नहीं मिलेगा। हालांकि, इन तीनों लोगों को बोर्ड और कमिटी मीटिंग में जाने के लिए फीस मिलेगी। मुकेश अंबानी (66) ने 2020-21 से कोई वेतन और लाभ का कमीशन नहीं लिया है। रिलायंस के पास कुल पांच वर्टिकल हैं। मुकेश के पास रिलायंस के 41.46% शेयर हैं। वह बोर्ड में 1977 से हैं।