भगवान् बिरसा मुंडा का जीवन संघर्ष, समर्पण एवं साहस का प्रतीक : देवेन्द्र प्रताप सिंह
रायगढ़। भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती के अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम को शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जमुई बिहार से वर्चुअल रुप से जुडक़र समारोह का शुभारंभ किया। इस दौरान प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जनजातीय समुदाय के विकास आधारित योजनाओं का शुभारंभ भी किया। जिला स्तरीय कार्यक्रम राज्य सभा सांसद देवेन्द्र प्रताप सिंह के मुख्य आतिथ्य में कलेक्ट्रेट के सृजन सभाकक्ष में आयोजित हुआ।
राज्य सभा सांसद देवेन्द्र प्रताप सिंह ने जनजातीय गौरव दिवस की सभी को बधाई देते हुए कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा की 150 वीं जयंती पर हम उनके योगदान को याद कर रहे हैं। वे केवल अपने समुदाय के ही नहीं बल्कि संपूर्ण देश की प्रेरणा स्रोत बने हैं। भगवान बिरसा मुण्डा आदिवासी अधिकारों के संरक्षक के साथ ही धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा का जीवन संघर्ष, समर्पण एवं साहस का प्रतीक है। भगवान बिरसा मुण्डा ने आदिवासी समाज को संगठित कर उनके सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक पहचान की रक्षा के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने समुदाय को पहचान दिलाई कि वे केवल भूमि के मालिक नहीं बल्कि अपने अधिकार के संरक्षक भी है। इस दौरान उन्होंने भगवान बिरसा मुण्डा द्वारा किए गए विद्रोह, संघर्ष एवं आंदोलन की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि आज वो हमारे बीच नहीं लेकिन उनका संघर्ष, उनका विचार आज भी जीवित है। उनका जीवन, उनके आदर्श आदिवासी समाज के ही नहीं बल्कि देश के प्रेरणा स्त्रोत है।
राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आज प्रधान मंत्री श्री मोदी ने धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष अभियान के तहत 80 हजार करोड़ की घोषणा की है। यह राशि 17 मंत्रालय के माध्यम से रायगढ़ तक पहुंचेगी। इस राशि से उन ग्रामों में जहां 50 प्रतिशत से अधिक आदिवासी परिवार रहते हैं, वहां सडक़, पानी, बिजली, आंगनबाड़ी स्कूल जैसे मूलभूत सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा, जिससे क्षेत्र का विकास होगा।
सीईओ जिला पंचायत जितेंद्र यादव ने कहा कि धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष अभियान का आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभारंभ किया। इस अभियान के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में 33 जनजातीय हैं, जिसमें 161 उपजातियां हैं। इस तरह हमारी समृद्ध विरासत है और इसे संवार के रखा गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के ध्येय वाक्य अनुसार विरासत को विकास की ओर बढ़ा रहे है। योजनान्तर्गत इसमें ऐसे गांवों को चयनित किया जाएगा, जिसमें 50 प्रतिशत से अधिक आदिवासियों की आबादी होगी। योजना के तहत 17 मंत्रालयों की 25 योजनाओं का क्रियान्वयन इन गांवों में किया जाएगा। पेसा के तहत ग्राम सभा का आयोजन भी किया जा रहा है ताकि योजना की जानकारी देते हुए उन्हें योजना के संबंध में जागरूक भी किया जा सके। इस अवसर पर विधायक लैलूंगा विद्यावती सिदार, नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी, श्रीकांत सोमावार, सुभाष पाण्डेय, कलेक्टर कार्तिकेया गोयल, सीईओ जिला पंचायत जितेंद्र यादव, डीएफओ स्टायलो मंडावी, प्रभारी सहायक आयुक्त आकांक्षा पटेल सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, जिला स्तरीय अधिकारी एवं जनजाति समुदाय के सदस्य उपस्थित रहे।