शूटिंग के जुनून में छोड़ दी MBBS की परीक्षा, पंजाब की इस बेटी ने जीता वर्ल्ड कप मेडल

भोपाल: एमबीबीएस फर्स्ट इयर की स्टूडेंट सिफ्ट कौर समरा ने रविवार को शूटिंग वर्ल्ड कप में अपना पहला इंडिविजुअल मेडल जीता। यह वह समय था जब उनका परिवार गैलरी से बिटिया को शानदार प्रदर्शन करते और ब्रॉन्ज मेडल जीतते हुए देख रहा था। यह सफर उतना आसान नहीं था, जितना देखने में लग रहा है। सिफ्ट को शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के लिए बड़ी कुर्बानी देनी पड़ी। दरअसल, उन्हें इसके लिए अपने MBBS के एग्जाम्स छोड़ने पड़े हैं।

कॉलेज ने ठुकराया रिक्वेस्ट, छोड़नी पड़ी MBBS की परीक्षा

22 वर्षीय शूटर को परीक्षा और शूटिंग में से किसी एक को चुनने के लिए मजबूर होना पड़ा। बिटिया ने शूटिंग चुनी और इस तरह से देश को मेडल दिलाने के लिए बड़ी कुर्बानी देनी पड़ी। दरअसल, टूर्नामेंट की तारीखें उनके एमबीबीएस प्रथम वर्ष की परीक्षा के साथ टकरा गईं। वह कहती हैं कि उन्होंने अपने कॉलेज से उनके लिए अलग से परीक्षा आयोजित करने का अनुरोध किया ताकि वह देश का प्रतिनिधित्व कर सकें, लेकिन इसे ठुकरा दिया गया।

2024 ओलिंपिक है लक्ष्य

उन्हें परीक्षा और शूटिंग में से किसी एक को चुनने के लिए बोला गया। इस पर उन्होंने कहा- और मैं 2024 ओलिंपिक तक अपनी बात पर कायम रहूंगी। समरा ने महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3-पोजिशन में ब्रॉन्ज मेडल जीता, जिससे भारत के पदकों की संख्या सात हो गई। हालांकि, उनकी एमबीबीएस के लिए चिंता के साथ उसकी खुशी झलक रही है। उनका नीट पास करना अनुकरणीय है, लेकिन दोनों के बीच तालमेल बिठाना कठिन साबित हुआ।

छोड़ना चाहती थीं शूटिंग, लेकिन…

वह पिछले साल खेल छोड़ने वाली थी। इस बारे में उन्होंने कहा- एमबीबीएस के लिए चुने जाने के बाद मैंने शूटिंग छोड़ने का मन बना लिया था। हालांकि, भोपाल में एक राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित की जा रही थी, इसलिए मैंने खुद से कहा कि मैं टूर्नामेंट के बाद इसे छोड़ दूंगी। मैंने एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया और जीवन बदल गया। मुझे अहसास हुआ कि मुझे शूटिंग नहीं छोड़नी चाहिए।

मेडिकल कोर्स का क्या होगा? इस सवाल पर वह कहती हैं- मैंने इसके बारे में नहीं सोचा है। मुझे नहीं पता कि मेरा कॉलेज मुझे एक अलग परीक्षा के लिए विचार करेगा या नहीं। मैंने अगले ओलिंपिक पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। उसके बाद ही मैं एमबीबीएस के बारे में सोचूंगी। समरा ने 588 अंकों के साथ महिलाओं की 3P की योग्यता में एक मजबूत शुरुआत की और चीन की झांग क्यूनग्यू (594) के बाद दूसरा स्थान हासिल किया।

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