लखीमपुर खीरी : लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत 11 जुलाई तक बढ़ा दी है। बता दें कि शीर्ष अदालत ने आशीष मिश्रा को जनवरी में आठ सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी थी।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि 3 अक्टूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के लखीमपूर खीरी केस के तिकुनिया में किसानों के विरोध के हिंसक हो जाने के बाद चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र में दौरे का विरोध कर रहे किसानों को कथित तौर पर एक एसयूवी ने कुचल दिया था, जिसमें केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा बैठे थे।
आशीष मिश्रा को इन शर्तों पर दी गई जमानत
शीर्ष अदालत ने मंत्री के बेटे को इस शर्त पर जमानत दी कि वह जमानत पर बाहर रहने के दौरान दिल्ली या उत्तर प्रदेश में नहीं रहेंगे। अदालत ने उन्हें जमानत पर रिहा होने के एक सप्ताह बाद उत्तर प्रदेश छोड़ने और संबंधित अदालत को अपने ठिकाने के बारे में सूचित करने के भी आदेश दिए थे।
पीठ ने यह भी कहा कि आशीष या उसके परिवार द्वारा गवाहों को प्रभावित करने और मुकदमे में देरी करने की किसी भी कोशिश से उसकी जमानत रद्द हो सकती है।
गुस्साए किसानों ने पीट-पीटकर मार डाला
2021 लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए लोगों में एक पत्रकार और एसयूवी के चालक और दो भाजपा कार्यकर्ता भी शामिल थे, जिन्हें कथित रूप से गुस्साए किसानों ने पीट-पीट कर मार डाला था। शीर्ष अदालत ने 19 जनवरी को अपनी पिछली सुनवाई में कहा था कि जब तक अपराध का दोषी साबित नहीं हो जाता, तब तक आरोपी को अनिश्चित काल के लिए कैद में नहीं रखा जाना चाहिए।