करवा चौथ व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह व्रत मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि और अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इसके अलावा यह व्रत कुंवारी लड़कियां भी रखती हैं। इस बार करवा चौथ का त्योहार बेहद ही शुभ संयोग में मनाया जाने वाला है। पंडित आशीष शर्मा के अनुसार, करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस बार चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर 2023, मंगलवार रात 9.30 मिनट पर शुरू होगी। यह अगले दिन 1 नवंबर को रात 9.19 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा।
शुभ संयोग में करवा चौथ
इस साल करवा चौथ के दिन कई अद्भुत संयोग बन रहे है। इस दिन शिव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य शुभ फल देते हैं। इसके अलावा इस दिन वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी भी मनाई जाएगी।
करवा चौथ पूजा विधि
करवा चौथ के व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठें और अपना दैनिक काम खत्म करने के बाद स्नान करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान का ध्यान करते हुए व्रत करने का संकल्प लें। घर के मंदिर की दीवार पर गेरू से एक पट्टिका बनाएं और उस पट्टिका पर करवा बनाएं। शाम के समय एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर, उस पर माता पार्वती के साथ भगवान शिव की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
करवा चौथ पूजा थाली
पूजा की थाली में दीपक, सिन्दूर, अक्षत, कुमकुम, रोली और मिठाई रखने के अलावा करवा में जल भरकर रखें। पूजा के दौरान माता पार्वती को श्रृंगार की 16 चीजें अर्पित करें। इसके बाद शिवजी- पार्वती और चंद्रदेव की पूजा करें। करवा चौथ की कथा सुनें। रात को चंद्रमा निकलने के बाद छलनी से चंद्रमा को देखकर चंद्रदेव की पूजा करें और अर्घ्य दें। इसके बाद व्रत का पारण करें।