अडानी पर फैसले की घड़ी? सेबी आज सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी हिंडनबर्ग पर अपनी रिपोर्ट

नईदिल्ली। देश को जिस दिन का इंतजार था वो आज आ ही गया. कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए आरोप पर अपनी रिपोर्ट को सौंप देगा. जानकारों की मानें तो यह रिपोर्ट पूरी तरह से फाइनल है और रेगुलेटर की जांच खत्म हो गई है. देश की सर्वोच्च अदालत ने सेबी को 14 अगस्त तक का समय ही दिया था. हालांकि सटीक निष्कर्षों का पता नहीं लगाया जा सका है, सेबी ने अन्य बातों के अलावा, जांच की है कि क्या अडानी ग्रुप ने मिनिमम पब्लिक शेयर होल्डिंग नियमों में मौजूद खामियों का फायदा उठाकर अपने ग्रुप की कंपनियों के शेयर की कीमतों में हेरफेर किया था, और क्या यह रिलेटिड पार्टी ट्रांजेक्शन का खुलासा करने में विफल रहा?

इन मुद्दों पर हो रही थी जांच
जानकारों की मानें तो सेबी की जांच रिपोर्ट में एमपीएस नॉर्म्स के संबंध में अडानी ग्रुप पर सवाल खड़े किए जा सकते हैं. वैसे अभी तक सेबी की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को अपनी जांच पूरी करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए 14 अगस्त की समय सीमा तय की थी. मामले की सुनवाई 29 अगस्त को होनी है. 24 जनवरी की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में रिलेटिड पार्टी ट्रांजेक्शन और एमपीएस नॉर्म्स से संबंधित आरोप लगाए गए थे. जिसके बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में लगातार गिरावट देखने को मिली और अडानी ग्रुप के मार्केट कैप से 10 लाख करोड़ से ज्यादा का सफा हो गया. रेगुलेटर ने पहले 13 स्पेसिफिक डील्स की पहचान की थी, जिन पर वह गौर कर रहा था, कि क्या वे कानूनी रूप से के अंतर्गत आते हैं या नहीं.

डेलॉइट ने दिया इस्तीफा
ये रिपोर्ट ऐसे समय पर सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जा रही है, जब शनिवार को, ग्लोबल ऑडिट फर्म डेलॉइट हास्किन्स एंड सेल्स ने अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड के साथ अपने छह साल पुराने रिलेशन को खत्म कर दिया. डेलॉइट ने कहा कि अडानी पोर्ट्स ने ऑडिटर की चिंताओं को दूर करने के लिए एक इंडिपेंडेंट एक्सटर्नल एग्जामिनेशन कराने से इनकार कर दिया, और इसलिए डेलॉइट ने कंपनी के वित्तीय वर्ष 2023 के रिज्ल्ट पर एक क्वालिफाइड ओपिनियन जारी किया. क्वालिफाइड ओपिनियन का मतलब एक ऑडिट रिपोर्ट है जो साफ-सुथरी नहीं है.

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