Satish Kaushik को याद कर भावुक हुए जावेद अख्तर ने कहा- अधूरी रह गई उनकी ये कहानी
मुंबई : सतीश कौशिक ने 9 मार्च को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। उनका जाना बॉलीवुड सितारों के लिए किसी सदमे से कम नहीं था। एक्टर के निधन के बाद उन्हें याद करते हुए करीबी दोस्त अनुपम खेर ने उनकी पहली बर्थ एनिवर्सरी पर मुंबई में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था।
सतीश कौशिक को याद करते हुए अनिल कपूर इस कार्यक्रम में फूट फूटकर रोए, तो वहीं लिरिसिस्ट जावेद अख्तर भी काफी भावुक हो गए। हाल ही में जावेद अख्तर ने सतीश कौशिक को याद करते हुए बताया कि उनकी कहानी अधूरी रह गई। इसके अलावा उन्होंने सतीश कौशिक के कंपनी के बारे में भी बात की।
सतीश कौशिक की कहानी अधूरी रह गई- जावेद अख्तर
लेखक जावेद अख्तर हाल ही में लखनऊ में एक कार्यक्रम को अटेंड करने के लिए पहुंचे थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट्स की मानें तो इस दौरान उन्होंने सतीश कौशिक को याद करते हुए कहा, ‘वह (Satish Kaushik)बहुत ही हंसमुख इंसान था, हमेशा मुस्कुराते रहता था, उनका सेंस ऑफ ह्यूमर भी कमाल का था, लेकिन इन सबके साथ ही वह अपने काम को लेकर बहुत ही सीरियस और सेंसिटिव था।
मुझे इस बात का बहुत ही दुख है कि उनकी कहानी पूरी नहीं हो पाई। उन्होंने प्रोड्यूसर और डायरेक्टर के तौर पर अपना हाल ही में करियर शुरू किया था और उन्हें लखनऊ से पूरा समर्थन मिल रहा था। अगर वह दो-तीन साल तक और होते, तो मुझे भरोसा है कि उनकी कंपनी 150-200 करोड़ तक पहुंच जाती’।
एक्टर के साथ-साथ बेहतरीन डायरेक्टर भी थे सतीश कौशिक
सतीश कौशिक ने चार दशक से भी ज्यादा अपनी ऑडियंस का मनोरंजन किया। उन्होंने 1981 में अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत फिल्म ‘चक्र’ से की थी, जिसमें उन्होंने बूट पॉलिश करने वाले शख्स का किरदार निभाया था। इसके बाद उन्होंने जाने भी दो यारो, वो सात दिन, मासूम, मंदी, मिस्टर इंडिया, राम लखन, प्रेम प्रतिज्ञा जैसी फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभाए।
वह सिर्फ एक बेहतरीन एक्टर ही नहीं, बल्कि डायरेक्टर भी थे। 1983 में उन्होंने फिल्म ‘आधारशिला’ से बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया था, इसके बाद साल 1993 में उन्होंने श्रीदेवी और अनिल कपूर संग ‘रूप की रानी, चोरो का राजा’ बनाई। उनकी सफल फिल्मों में तेरे नाम भी शुमार है।