धड़ल्ले से हो रही अवैध प्लॉटिंग और सरकारी जमीन की रजिस्ट्री, अधिकारी कर रहे खानापूर्ति

डोंगरगढ़। धर्मनगरी डोंगरगढ़ में इन दिनों भूमाफियाओं का बोलबाला चल रहा है, चाहे अवैध प्लॉटिंग हो या फिर सरकारी जमीन की फ़र्ज़ी रजिस्ट्री, डोंगरगढ़ और आसपास के क्षेत्र में ये गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहा है। हाल ही में ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक शख्स को न सिर्फ फर्जी रजिस्ट्री करके सरकारी जमीन बेची गई बल्कि, उस जमीन की रजिस्ट्री और प्रमाणीकरण भी करवा दिया गया।

पीड़ित ने बताया कि 10 साल पहले उसने एक जमीन खरीदी थी, जिसका सौदा पूरी तरह से वैध और कानूनी तरीके से किया गया था, लेकिन जब वह जमीन का नक्शा दुरुस्त करवाने के लिए पटवारी के पास गया, तो उसे जानकारी मिली कि उसे दिखाई गई जमीन सरकारी है। पीड़ित ने इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से की है, लेकिन अब तक उसे ना कोई समाधान मिला और ना ही दोषियों पर कार्रवाई हुई है।

डोंगरगढ़ में धड़ल्ले से चल रहा अवैध प्लॉटिंग का गोरखधंधा

बता दें कि डोंगरगढ़ क्षेत्र में लगातार जमीन दलाल और भूमाफियाओं द्वारा अवैध तरीके से प्लॉटिंग कर मनमाने तरीके से जमीन की बिक्री की जा रही है। अछोली, बगदईपारा समेत कई इलाकों में अवैध प्लॉटिंग कर लोगों की गाढ़ी कमाई पर सेंधमारी की जा रही है। दलाल और भूमाफिया पहले तो एक जमीन लेते हैं, फिर अधिकारियों की मिलीभगत से उस जमीन के तीन-चार टुकड़े कर देते हैं। जमीन के टुकड़े होने के बाद शुरू होता है इनका खेल। पहले तो खरीददार को लोकलुभावन वादे और फ़र्ज़ी सड़क, नाली, गार्डन समेत कई तरह की सुविधाओं का वादा भी किया जाता है, लेकिन एक बार जब जमीन बिक जाती है तो इन मूलभूत सुविधाओं के लिए छोड़ी गई जमीन भी बेच दी जाती है।

शिकायत होने पर जमीन के एक टुकड़े पर खानापूर्ति करते हुए प्रतिबंध भी लगा दिया जाता है, लेकिन बाकी के हिस्से को ये भूमाफिया धड़ल्ले से बेचना जारी रखते हैं। सूत्रों की माने तो ये गोरखधंधा बिना अधिकारियों की मिलीभगत के नहीं हो सकता।

SDM का दावा – अवैध प्लॉटिंग संबंधित सभी शिकायतों पर की जा रही कार्रवाई

एसडीएम डोंगरगढ़ मनोज मरकाम ने इस मामले को लेकर लल्लूराम डॉट कॉम से कहा कि अवैध प्लॉटिंग संबंधित सभी शिकायतों पर कार्रवाई की गई है और प्रतिबंध भी लगाया गया है। हालांकि, जानकारों की माने तो ये प्रतिबंध जमीन के एक टुकड़े पर ही लगाया गया है, जबकि उसकी जमीन के अन्य टुकड़े धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। उनका कहना है कि अगर डोंगरगढ़ क्षेत्र में निष्पक्ष जांच की जाए तो अवैध प्लॉटिंग और सरकारी जमीन बेचने के मामले में कई रसूखदार और प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी भी दोषी साबित होंगे, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के चलते अब तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि, खरीददार इनकी ज़मीनें खरीद कर अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button