सरकार मान लेती है IRF की बात तो सस्ते हो जाएंगे हेलमेट, बढ़ जाएगी लोगों की जान बचने की संभावना
नईदिल्ली। सुरक्षित सड़कों के मुद्दों को उठाने वाली वैश्विक संस्था इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (International Road Federation – IRF) ने कहा कि उसने हेलमेट से GST हटाने के लिए सरकार से अपील की है. मौजूदा समय में हेलमेट पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है. अगर सरकार इस बात को मान लेती है तो आने वाले समय में हेलमेट की कीमत कम हो जाएगी. हेलमेट की कीमत कम होने से नकली या घटिया क्वालिटी वाले हेलमेट का कारोबार खत्म हो जाएगा. क्योंकि आज की तारीख में जितनी कीमत में घटिया क्वालिटी वाला हेलमेट मिलता है लगभग उतने दाम में स्टैंडर्ड मानक पर आधारित हेलमेट मिलने लगेंगे.
वैश्विक सड़क सुरक्षा निकाय ने कहा, “आईआरएफ ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे एक पत्र में आगामी केंद्रीय बजट 2023-24 में दोपहिया सवारों की सुरक्षा के लिए जीवन रक्षक उपकरण हेलमेट पर जीएसटी को वर्तमान 18 प्रतिशत से घटाकर 0 प्रतिशत करने की मांग की है.”
भारत में दुनिया भर में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों का लगभग 11 प्रतिशत हिस्सा है. सड़क दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहन सवारों के घायल होने के मामले ज्यादा होते हैं. सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों का लगभग 31.4 प्रतिशत हिस्सा मुख्य रूप से सिर की चोटों के कारण है.
आईआरएफ के अध्यक्ष एमेरिटस के के कपिला ने वित्त मंत्री को लिखे एक पत्र में कहा, “दोपहिया वाहनों की दुर्घटनाओं में चोटों और मौतों को कम करने के लिए सबसे प्रभावी उपायों में से एक स्टैंडर्ड हेलमेट का इस्तेमाल है.”
ये देखा गया है कि ज्यादातर दोपहिया वाहन चालक आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न आय वर्ग में आते हैं और ऐसे हेलमेट खरीदना पसंद करते हैं जो सस्ते हों. दरअसल कुछ लोग सस्ते हेलमेट इसलिए भी खरीदते हैं कि उनसे हेलमेट या तो जल्दी-जल्दी खो जाते हैं या फिर वो भूल जाते हैं. ऐसे में कुछ लोग क्वालिटी को महत्व देने की जगह सस्ते हेलमेट खरीदना पसंद करते हैं. कपिला ने समझाया कि इनमें से कई हेलमेट किसी दुर्घटना की स्थिति में सवार की जान बचाने में सक्षम नहीं होते हैं.
उन्होंने कहा, इस समय, हेलमेट पर जीएसटी की लागू दर 18 प्रतिशत है, जो एक जीवन रक्षक उपकरण है. मैं, सड़क सुरक्षा के समर्थक के रूप में, दृढ़ता से अनुशंसा करता हूं कि हेलमेट पर कोई जीएसटी नहीं होना चाहिए. इससे स्टैंडर्ड हेलमेट बनाने में मदद मिलेगी. ऐसा होता है तो आम लोगों के लिए स्टैंडर्ड हेलमेट काफी सस्ते दाम में उपलब्ध होगा और घटिया हेलमेट की खरीद हतोत्साहित होगी.