कुश्ती में कैसे पहुंचे बास्केटबॉल चैंपियन सतनाम, भाई को देते हैं नई शुरुआत का श्रेय
नई दिल्ली : सतनाम सिंह एक बेहतरीन एथलीट हैं, जिन्हें बास्केटबॉल और कुश्ती दोनों में सफलता मिली है। उनका जन्म भारत में हुआ था और उन्होंने छोटी उम्र में ही बास्केटबॉल खेलना शुरू कर दिया था। उनकी लंबाई, ताकत और एथलेटिक्स ने जल्दी ही स्काउट्स का ध्यान आकर्षित किया और वह जल्द ही देश के शीर्ष हाई स्कूल बास्केटबॉल खिलाड़ियों में से एक बन गए।
इसके चलते उन्हें 2015 में डलास मावेरिक्स ने एनबीए में ड्राफ्ट किया। वह इस लीग में ड्राफ्ट किए जाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। हालांकि, बास्केटबॉल कोर्ट पर अपनी सफलता के बावजूद, सिंह ने खेल छोड़ने और कुश्ती में करियर बनाने का फैसला किया।
कुश्ती में करियर बनाने का किया फैसला
सतनाम बताते हैं कि वह शुरुआत से ही बास्केटबॉल में देश का नाम रोशन करना चाहते थे और बहुत हद तक वह ऐसा करने में सफल भी रहे, लेकिन अब उन्होंने कुश्ती में करियर बनाने का फैसला किया है। लॉकडाउन के समय उनके पास काफी खाली समय था और खुद को फिट रखने के लिए वह जिम में समय बिताते थे। इसका नतीजा यह हुआ कि उनका शरीर काफी बड़ा हो गया और उन्हें एहसास हुआ कि अब उनके शरीर में वह फुर्ती नहीं होगी, जो एख बास्केटबॉल खिलाड़ी के लिए जरूरी होती है।
सतनाम को उनके भाई ने की मदद
उनके भाई ने ऐसे में उनकी मदद की। कुश्ती के बारे में जानकारी जुटाई और सतनाम को इस बारे में बताया। इसके बाद सतनाम की तैयारी और बेहतर होती चली गई। यूरोस्पोर्ट की मदद से उनकी ट्रेनिंग में सुधार हुआ और वह एक रेसलर के रूप में पूरी तरह तैयार हो गए।
अब वह इस खेल में देश का नाम रोशन करना चाहते हैं और देश में इसकी लोकप्रियता बढ़ाना चाहते हैं। हालांकि, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में कुश्ती काफी लोकप्रिय है, लेकिन सतनाम इसे पूरे देश में फैलाना चाहते हैं।
पूरी निष्ठा के साथ प्रयास करने पर मिलती है सफलता
बास्केटबॉल से कुश्ती में आने के बाद सतनाम का कहना है कि जीवन में आप जो तय करते हैं, उस पर टिके रहना जरूरी है। अगर आप पूरी निष्ठा के साथ प्रयास करते हैं तो आपको सफलता मिलती है और अधूरे मन से प्रयास करने वाले असफल रह जाते हैं।