रायपुर में अचानक बदले मौसम ने लोगों को चौंका दिया। तेज हवाओं और बारिश ने ठंड बढ़ा दी, जिससे खुले आसमान के नीचे गुजर-बसर कर रहे जरूरतमंदों की मुश्किलें बढ़ गईं। ऐसे समय में हर्षित सिंघानिया और उनकी टीम ने जरूरतमंदों की मदद कर इंसानियत का एक अनूठा उदाहरण पेश किया।बीती रात जब रायपुर की सड़कों पर बारिश और सर्द हवाओं का कहर था, हर्षित सिंघानिया की टीम जरूरतमंदों की मदद के लिए निकल पड़ी। उन्होंने सड़कों पर रह रहे गरीब और असहाय लोगों को ढूंढ-ढूंढकर कंबल और शॉल वितरित किए। यह राहत अभियान देर रात तक जारी रहा, और कई लोगों को ठंड से राहत मिली।
टीम के एक सदस्य ने साझा किया, “हमने देखा कि ठंड और बारिश से लोग कांप रहे थे। यह देखकर हमने तुरंत उनकी मदद का निर्णय लिया।” यह प्रयास सिर्फ राहत सामग्री तक सीमित नहीं था, बल्कि समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने की प्रेरणा भी देता है।
हर्षित सिंघानिया ने इस पहल के बारे में सोशल मीडिया पर कहा, “ठंड के इस कठिन समय में जरूरतमंदों की मदद करना हमारा कर्तव्य है। किसी की तकलीफ को कम कर पाना सच्चे सुकून का एहसास देता है।”
हर्षित और उनकी टीम का यह प्रयास न केवल जरूरतमंदों के लिए सहारा बना, बल्कि समाज के अन्य लोगों को भी आगे बढ़कर मदद करने की प्रेरणा दी। उनकी इस पहल को सोशल मीडिया और स्थानीय लोगों से सराहना मिल रही है। कई लोगों ने उनके साथ सहयोग करने की इच्छा जताई है।
हर्षित सिंघानिया की यह पहल साबित करती है कि समाज में बदलाव लाने के लिए छोटी-सी शुरुआत भी काफी होती है। उनकी यह सेवा का भाव मानवता को जीवंत रखने का संदेश देता है।
हर्षित सिंघानिया और उनकी टीम के इस कार्य ने ठंड के मौसम में जरूरतमंदों को राहत देने के साथ-साथ समाज को संवेदनशील और जिम्मेदार बनने की प्रेरणा दी है।