छठे दिन उड़ाई हमास आतंकियों की नींद, जमीनी अभियान की तैयारी में जुटी इजरायली सेना
यरूशलम : बीते शनिवार को हमास के हमले में इजरायल को भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान की भरपाई में अब इजरायल जुटा हुआ है। इजरायल ने साफ शब्दों में कह दिया है कि वह हमास के सभी आतंकियों का खात्मा कर देगा। इजरायली सेना कहर बनकर हमास के आंतकियों पर टूट पड़ी है। इजरायली पीएम नेतन्याहू बार- बार अपने देश के नागरिकों को आश्वासन दे रहे हैं कि उनके साथ हुए अन्याय का वह बदला लेकर रहेंगे।
पीएम नेतन्याहू ने कहा है कि हमास का नामोनिशां मिटा दिया जाएगा। इस बीच अमेरिका सहित कई वैश्विक महाशक्तियां इजरायल के समर्थन में सामने आई है। अमेरिका ने घोषणा की कि वह गाजा से नागरिकों को बाहर निकालने के लिए सुरक्षित गलियारे खोलने के लिए इजरायल के साथ काम कर रहा है।
ग्राउन्ड ऑपरेशन की तैयारी कर रही है इजरायली सेना
इजरायली सेना का कहना है कि वह गाजा में संभावित जमीनी कार्रवाई (Ground Operation) की तैयारी कर रही है। सेना की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया कि राजनीतिक तौर पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। लेफ्टिनेंट कर्नल रिचर्ड हेचट ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि यदि निर्णय लिया गया तो सेनाएं जमीनी स्तर पर युद्धाभ्यास की तैयारी कर रही हैं। इजरायल ने लगभग 3,60,000 सैन्य रिजर्व बुलाए हैं।
मिस्र ने गाजा से गलियारे स्थापित करने के प्रस्ताव को किया खारिज
मिस्र ने अपने राफा क्रॉसिंग पॉइंट के माध्यम से सहायता और ईंधन की डिलीवरी की अनुमति देने के लिए इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ गहन बातचीत की है। हालांकि, इसने गाजा से बाहर गलियारे स्थापित करने के प्रस्तावों का विरोध करते हुए कहा कि एन्क्लेव से फलिस्तीनियों के पलायन करने से फलिस्तीनी मुद्दे पर गंभीर परिणाम आएंगे।
मिस्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार सुबह कहा कि मिस्र सरकार ने गाजा में इजरायल की बमबारी से भाग रहे फिलिस्तीनियों के लिए गाजा से बाहर गलियारे स्थापित करने के किसी भी प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। मिस्र के सरकारी मीडिया ने बताया कि इजराइल का आक्रमण इलाके को खाली करने की योजना का हिस्सा है।
मलेशिया ने फलिस्तीनियों के लिए एक आपातकालीन कोष की घोषणा की
मलेशिया के विदेश मंत्री जाम्ब्री अब्दुल कादिर ने गाजा पट्टी में भोजन, पानी और ईंधन में कटौती करने में इजरायल के “क्रूरता के अपमानजनक कृत्यों” की आलोचना की और कहा कि मलेशिया फलिस्तीनियों की मदद के लिए आपातकालीन फंड के रूप में 1 मिलियन रिंगिट (212,000 अमेरिकी डॉलर) प्रदान करेगा।
जाम्ब्री ने गुरुवार को कहा कि संघर्ष में फंसी एक मलेशियाई डॉक्टर और उसके तीन बच्चों को घर लाने के लिए निकासी योजना पर काम चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि 23 मलेशियाई और सिंगापुरवासियों का एक समूह मंगलवार को सुरक्षित रूप से मिस्र पहुंच गया। फलिस्तीनी मुद्दे के प्रबल समर्थक, मलेशिया ने इस संकट के लिए फलिस्तीनी लोगों के खिलाफ उत्पीड़न और अन्याय को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग ने अमेरिकी नागरिकों को इजरायल वेस्ट बैंक की यात्रा पर पुनर्विचार करने की चेतावनी दी है।