रायपुर I सुप्रीम कोर्ट हल्द्वानी रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले में आज सुनवाई करेगा. हल्द्वानी में रेलवे स्टेशन के पास बसे करीब 50 हजार लोगों के घर प्रभावित हैं. जिसे रेलवे ने छुड़ाने के लिए नोटिस दिया था।
उत्तराखंड के हल्द्वानी जिले में एक रेलवे स्टेशन के पास बसे करीब 50 हजार लोगों के सामने इस ठण्ड में अपना मकान छोड़ने का संकट आ गया है . रेलवे ने इन लोगों को मकान खाली करने का नोटिस दिया था। जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दायर किया गया था। सुप्रीम कोर्ट आज मामले की सुनवाई करेगा. यह सुनवाई तय करेगी कि हल्द्वानी के 50 हजार लोगों के घर बचेंगे या उजड़ेंगे. इस मामले से हजारों लोगों की रोजी-रोटी का सवाल जुड़ा है. मालूम हो कि बीते दिनों उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी स्टेशन से 2.19 किलोमीटर तक फैले बनभूलपुरा इलाके को खाली करने का आदेश दिया था. इस आदेश के आधार पर रेलवे ने बनभूलपुरा के 50 हजार निवासियों से घर खाली करने की अपील जारी की.
याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दायर की थी
रेलवे अधिसूचना के खिलाफ वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. साथ ही अतिक्रमण की जद में आने वाले लोगों की ओर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। रेलवे के नोटिफिकेशन के मुताबिक, मकान खाली करने की समय सीमा 8 जनवरी है। ऐसे में आज सुप्रीम कोर्ट इस पर फैसला सुनाएगा कि क्या 50,000 लोगों के घरों को बचाना या नष्ट करना संभव होगा.
78 एकड़ जमीन पर कब्ज़ा, ज्यादातर लोग मुस्लिम हैं..
उल्लेखनीय है कि रेलवे द्वारा दिये गये जवाब के अनुसार हल्द्वानी में 4365 परिवारों ने रेलवे की 78 एकड़ भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है. पिछले दिनों उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा पारित बेदखली आदेश। इस इलाके में करीब 50,000 लोग रहते हैं। उनमें से 90% मुसलमान हैं। जो अपना घर बचाने के लिए सड़कों पर आ गए।