H3N2 Influenza: वायरस से पीड़ित इन मरीजों को पड़ सकती है ऑक्सीजन की जरुरत, इन कारणों से बच्चे हो रहे हैं शिकार
नई दिल्ली : इन दिनों पूरे देश में मौसमी इन्फ्लुएंजा के सब टाइप एच3एन2 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी तमाम राज्यों को इस वायरस से निपटने के लिए अस्पतालों में पुख्ता तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं। नीति आयोग ने भी राज्यों को अस्पतालों में मैन पावर के साथ ही गंभीर मरीजों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के हिदायत दी है।
इस बीच एच3एन 2 वायरस के कोविड जैसे लक्षणों ने लोगों को फिर परेशान कर दिया है। जबकि कुछ केस ऑक्सीजन की कमी जैसे सामने आ रहे हैं। ऐसे मामले सामने आने के बाद लोगों में पैनिक बढ़ गया है कि कहीं ये वायरस फिर से कोविड जैसा नहीं फैल जाए।
इन्फ्लुएंजा वायरस लगभग हर साल ही लोगों को करता है बीमार
इस वायरस को लेकर नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा कहना हैं कि यह इन्फ्लुएंजा वायरस लगभग हर साल ही लोगों को बीमार करता रहा है। अब चूंकि लोग कोविड को झेल चुके हैं और इसके लक्षण भी कोविड जैसे ही हैं, लिहाजा यह सभी को पता चल रहा है। हालांकि इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
इस वायरस से बचने के लिए अगर कोविड जैसा ही व्यवहार और जरूरी सावधानियां बरती जाएं, तो इससे आसानी से बचा जा सकता है। क्योंकि यह एक सामान्य मौसमी फ्लू ही है।
कुछ दिन पहले इस फ्लू का एच1एन1 म्यूटेंट देखा गया था, जबकि अब इसका नया म्यूटेंट एच3एन2 आया है। यह वायरस हर साल अपना रूप बदलता है। यही वजह है कि इसकी वैक्सीन भी हर साल नई ही आती है। नए म्यूटेशन को देखते हुए आमतौर पर जुलाई और अगस्त के महीने में इस फ्लू की नई वैक्सीन आती है, जिसे कोई भी लगवा सकता है और इससे सुरक्षित रह सकता है।
सफदरजंग हॉस्पिटल के कम्यूनिटी मेडिसिन के प्रमुख डॉ. जुगल किशोर ने बताया कि अभी जो हालात हैं उनमें एच3एन2 के मरीज तो अस्पतालों में दिखाने आ रहे हैं, जिन्हें बुखार, खांसी, सिर दर्द आदि की परेशानियां हैं। लेकिन अभी बहुत कम ऐसे मामले है जिन्हें आक्सीन की जरुरत पड़ी हो।
हां एच1एन1 फ्लू वायरस के कुछ मरीज जरूर गंभीर देखे गए थे और बेहद कम मामलों में ऑक्सीजन की जरूरत भी पड़ी थी। कुछ ऐसे मरीज जो अस्थमा, सांस फूलना और निमोनिया से पीड़ित हैं या जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है ऐसे मरीजों को आक्सीजन की जरुरत पड़ सकती है।
H3N2 वायरस का खतरा बच्चों और बुजुर्गों को अधिक
डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि H3N2 वायरस का खतरा बच्चों और बुजुर्गों को अधिक है, क्योंकि यह इम्यूनिटी पर हमला करता है। जिन लोगों को अस्थमा, हृदय रोग, डायबिटीज, मोटापा और कमजोर इम्यूनिटी की शिकायत है, उन्हें भी खतरा अधिक है। गर्भवती महिलाओं को भी इस वायरस का ज्यादा खतरा है।
कोविड के कारण दो साल तक बच्चे घर में ही रहे और वह स्कूल और भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहे। लेकिन अब स्कूल खुल गए हैं और बाजारों में भी भीड़ बढ़ गई है, इसलिए इस सामान्य वैरिएंट के कारण बच्चों में इस वायरस के बढ़ते मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है।
भारत में अब तक केवल H3N2 और H1N1 संक्रमण का पता चला है। दोनों में कोविड जैसे लक्षण हैं। इनके लक्षणों में लगातार खांसी, बुखार, ठंड लगना, सांस फूलना और घरघराहट शामिल हैं। इसके अलावा मरीजों ने गले में खराश, शरीर में दर्द और दस्त की भी सूचना दी है। ये लक्षण लगभग एक सप्ताह तक बने रह सकते हैं।