वैदिक शास्त्र में ग्रहों की चाल और गोचर का महत्व है। बृहस्पति 23 अप्रैल को मेष राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि में राहु पहले से विराजमान हैं। राहु 30 अक्टूबर तक मेष राशि में गोचर करेंगे। ऐसे में गुरु और राहु 6 महीने तक एक ही राशि में साथ रहेंगे। इन दोनों ग्रहों की युति से गुरु-चांडाल योग का निर्माण होगा। जिन लोगों की कुंडली में यह योग बनेगा। उनले लिए आने वाला समय मुश्किलों से भरा रहेगा।
नकारात्मकता बढ़ने लगती है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन जातकों की कुंडली में गुरु-चांडाल योग बनता है। उनके जीवन में नकारात्मकता बढ़ने लगती है। समझ कम हो जाती है। इस योग से लोग अपराधिक कार्यों में सक्रिय हो जाते हैं।
गुरु-चांडाल योग के लिए उपाय
– जिन जातकों की जन्म कुंडली में गुरु-चांडाल योग बन रहा है। उन्हें गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
– केले की पूजा करने से भी योग का प्रभाव कम होगा। वहीं, दोष निवारण पूजा की जा सकती है।
– सूर्य देव की उपासना करें और उन्हें अर्घ्य दें।
– माथे पर पीले चंदन का तिलक लगाएं।
– सहस्नाम का जाप करने से भी लाभ मिलता है।
– गुरु चांडाल योग से मुक्ति के लिए भगवान हनुमान की उपासना करना चाहिए। इसलिए हर दिन हनुमान चालिसा का पाठ करें।