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रूस के लिए मुसीबत बन सकता है G7 समिट, भारत और ब्राजील का समर्थन पाने को कोशिश में जुटा यूक्रेन

हिरोशिमा :  जापान में चल रहा जी-7 समिट यूक्रेन के लिए एक बेहतरीन मौका बन सकता है। दरअसल, लंबे समय से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर जी-7 के सदस्यीय देशों ने रूस को संकेत दे दिया है कि वो इस पूरे संघर्ष में यूक्रेन के साथ खड़ा रहेगा।

इसके अलावा, माना जा रहा है कि इस समिट के जरिए यूक्रेन के पास मौके है, जिसमें वो भारत और ब्राजील जैसे देशों का समर्थन पाने के लिए उन्हें मना सकता है।

रूस ने किया बखुमत पर कब्जा का दावा

जी-7 के प्रमुख नेताओं ने रविवार को अपनी तीन दिवसीय बैठक शुरू की, उसी दौरान रूस ने दावा किया कि उसने एक महीने की लंबी घेराबंदी के बाद आखिरकार पूर्वी यूक्रेनी शहर बखमुत पर कब्जा कर लिया है। जेलेंस्की के जापान पहुंचने के कुछ ही समय बाद, रूस ने बखमुत में जीत का दावा किया।

जर्मनी ने रूस को दिया संदेश

जी-7 के प्रमुख सदस्य संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और कनाडा ने इस बात पर बहस की है कि पिछले साल फरवरी में शुरू हुए संघर्ष पर क्या प्रतिक्रिया होनी चाहिए। जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ ने रविवार को कहा कि अमेरिका निर्मित एफ-16 युद्धक विमानों पर यूक्रेनी पायलटों के लिए संयुक्त संबद्ध प्रशिक्षण कार्यक्रम रूस के लिए एक संदेश था कि उसे लंबे समय तक संघर्ष करके अपने आक्रमण में सफल होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

जेलेंस्की के दौरे को बताया गेम चेंजर

इस बीच, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा कि शिखर सम्मेलन भारत और ब्राजील जैसे बड़े उभरते देशों को बाड़ से बाहर आने और यूक्रेन के पीछे अपना समर्थन देने के लिए मनाने का एक अवसर था। मैक्रॉन ने शिखर सम्मेलन में जेलेंस्की की अचानक यात्रा को “गेम चेंजर” कहने के एक दिन बाद संवाददाताओं से यह टिप्पणी की।

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