आगबबूला नेतन्याहू के ठंडे पड़े तेवर, बाइडन के फोन के बाद क्यों बदला इजरायली पीएम का मिजाज

तेल अवीव : ईरान और इजरायल में विवाद बढ़ता जा रहा है। ईरान के हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने उससे बदला लेने की कसम खाई थी। इजरायल को हमेशा अपने दुश्मनों से बदला लेने के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार उसके तेवर थोड़े नरम दिख रहे हैं।
इजरायल पर ईरान ने लगाए ये आरोप
इजरायल पर सीरिया में ईरानी दूतावास पर हमला कर उसके राजदूतों को मारने का आरोप है। ईरान ने ये आरोप लगाते हुए इजरायल पर 300 ड्रोन और मिसाइलों से अटैक किया। हालांकि, इजरायल का डिफेंस सिस्टम मजबूत होने के कारण उसने कई मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया, लेकिन कुछ ने नुकसान भी पहुंचाया।
नेतन्याहू के नरम रुख की वजह है अमेरिका
दरअसल, नेतन्याहू ने बीते दिन नेतन्याहू की ‘वार कैबिनेट’ ने एक आपात बैठक की। इसमें कई नेताओं ने जवाबी कार्रवाई का समर्थन किया, लेकिन पैनल हमले के समय और तरीके पर कोई राय नहीं बना पाया। इसके बाद इजरायली पीएम को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का फोन आया और उन्होंने साफ कर दिया कि अगर युद्ध हुआ तो अमेरिका सक्रिय तौर पर इसमें भाग नहीं लेगा।
इस कारण नेतन्याहू के तेवर ठंडे पड़े
जो बाइडन ने कहा कि वो इजरायल को हथियार और दूसरी मदद देगा, लेकिन खुद युद्ध में उतरने से इनकार कर दिया। इसके बाद से नेतन्याहू के तेवर ठंडे पड़ गए।
इस कारण अमेरिका बना रहा दूरी
दरअसल, जो बाइडन ने कहा कि अगर अमेरिका युद्ध में कूदा तो पश्चिमी एशिया के हालात बिगड़ जाएंगे। अमेरिका ने कहा कि वो इजरायल की सुरक्षा के लिए हमेशा खड़ा है, लेकिन युद्ध नहीं चाहता है। अमेरिका के बाद दूसरे देशों ने भी युद्ध न लड़ने की बात कही है।