रायपुर। शेयर ट्रेडिंग, गूगल रीव्यू करने के नाम पर ठगी करने वाले जालसाजों के लिए बैंक अकाउंट, सिम कार्ड उपलब्ध कराने के आरोप में रेंज साइबर पुलिस ने सात जालसाजों को गिरफ्तार किया है। इनमें से चार जालसाज रायपुर तथा दुर्ग के रहने वाले हैं। तीन करोड़ रुपए की ठगी के पांच अलग- अलग मामलों में पूर्व में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने जालसाजों की मदद करने वाले चार स्थानीय मददगारों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने जालसाजों के अकाउंट से 70 लाख रुपए होल्ड कराया है।
रेंज साइबर पुलिस द्वारा जारी बयान के मुताबिक शेयर ट्रेडिंग तथा गूगल रीव्यू टास्क के नाम पर ठगी करने के पांच अलग-अलग मामलों में अब तक सात आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। जालसाजी के आरोप में पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें पश्चिम बंगाल, कोलकाता निवासी सोमनाथ सरदार, दुर्ग, भिलाई निवासी प्रेम चंद्राकर, पुरुषोत्तम देवांगन, धरमपुरा निवासी हिमांशु निर्मलकर, मध्यप्रदेश, इंदौर निवासी मेहुल प्रजापति, सुंदर नगर निवासी वासु मानिक, टिकरापारा निवासी लुपेश साहू के नाम शामिल हैं।
ठगी के पैसों से लग्जरी गाड़ी के साथ घर बनवाया
पुणे में कॉल सेंटर संचालित करने की आड़ में ठगी करने के आरोप में पकड़े गए प्रेम चंद्राकर ने ठगी के पैसों से भव्य मकान बनवाने के साथ लग्जरी कार खरीदी है। पुलिस के अनुसार प्रेम ने श्वेता मेहरा से साढ़े 29 लाख की ठगी की थी। पुलिस के अनुसार प्रेम ने श्वेता के साथ देश के अलग-अलग राज्य के लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। पुलिस के अनुसार ठगी के पैसों से प्रेम का लाइफ स्टाइल काफी लग्जरियस था। पूर्व में गिरफ्तार प्रेम का एक साथी जो गुजरात का रहने वाला है, उसके कब्जे से पुलिस ने पांच सौ बैंक अकाउंट जब्त किया है।
जालसाजों को छह सौ से ज्यादा सिम कार्ड उपलब्ध कराया
दुर्ग निवासी पुरुषोत्तम देवांगन ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसके माध्यम से जालसाजों को छह सौ से ज्यादा सिम कार्ड पहुंचा है। पुलिस के अनुसार एक सिम कार्ड के बदले पुरुषोत्तम को पांच सौ से एक हजार रुपए तक मिलते थे। पुरुषोत्तम पेशे से एक मोबाइल कंपनी का सिम बेचने का काम करता था। पुरुषोत्तम ने जालसाजों को जो सिम कार्ड उपलब्ध कराया है, पुलिस उसे डिएक्टिवेट कराने की बात कह रही है।