हिंदू पंचांग के अनुसार, हर मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। सावन मास में पड़ने वाला प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को सावन का पहला प्रदोष व्रत पड़ रहा है। इस बार त्रयोदशी तिथि 15 जुलाई को है। शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस बार प्रदोष व्रत पर बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है। इस बार प्रदोष व्रत के साथ सावन शिवरात्रि का योग है, साथ ही इस दिन शनिवार भी है।
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को हर संकट से निजात जाती है और जीवन में खुशियां ही खुशियां आती है। पंचांग के अनुसार, प्रदोष काल सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू होता है और 45 मिनट बाद तक मान्य होता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने के साथ-साथ शनि देव की पूजा करने का भी विधान है। अगर कुंडली में शनि दोष है, तो प्रदोष व्रत के दिन कुछ उपाय करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है। आइए इंदौर के पंडित प्रफुल्ल शर्मा से जानते हैं शनि प्रदोष व्रत के दिन किये जानेवाले उपाय –
करें ये उपाय
शनि प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग में जल के साथ ही बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और शनि से जुड़ी बाधाएं शांत होती हैं।
सावन प्रदोष के मौके पर 11 शमी की पत्तियां लेकर शहद में डुबोकर शिवलिंग पर अर्पित करें। ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति मिल जाती है और तमाम बाधाएं दूर होती हैं।
इस दिन छाया दान करना काफी लाभकारी हो सकता है। इसके लिए एक कटोरे में सरसों का तेल में एक रूपए का सिक्का डालकर उसमें अपनी छाया देखें और फिर किसी को दान कर दें।
इस दिन शनि देव और शिव जी की पूजा करने के साथ-साथ शनि स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। इससे शनि दोष से मुक्ति मिल सकती है।
इस दिन एक रोटी में थोड़ा सा सरसों का तेल लगाकर किसी काले रंग को कुत्ते को खिलाएं। ऐसा करने से शनि दोष और शनि साढ़े साती से मुक्ति मिल जाती है।