जब पैसे की अचानक जरूरत निकल आए तो हमारे सामने दो आसान विकल्प नजर आते हैं। पहला कि पर्सनल लोन ले लें। दूसरा आसान विकल्प है कि घर में पड़े सोने के गहने या सिक्कों आदि को रेहन रख कर गोल्ड लोन ले लें। BankBazaar.com के सीईओ ने बताया कि इमरजेंसी में कौन से फंडिंग ऑप्शन पर विचार कर सकते हैं।
क्या है गोल्ड लोन और पर्सनल लोन
गोल्ड लोन एक प्रकार का सेक्योर लोन होता है जिसमें उधार लेने वाले अपने गोल्ड एसेट्स जैसे आभूषण या सिक्कों को बैंक या नॉन-बैकिंग फाईनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) से लोन के बदले में कोलेट्रल के रूप में रखते हैं। पर्सनल लोन एक अन-सेक्योर लोन होता है जिसे व्यक्ति बैंक, या अन्य फाईनेंशियल संस्थानों से विभिन्न पर्सनल खर्चों के लिए ले सकता है, जैसे मेडिकल बिल्स, डेट कन्सोलिडेशन, होम रेनोवेशन, शिक्षा या किसी भी अन्य उद्देश्य से ले सकता है। सेक्योर लोन की तुलना में, पर्सनल लोन के लिए किसी कोलेट्रल की आवश्यकता नहीं होती है, और जिसके मायने हैं कि आपको लोन के लिए घर या कार जैसे एस्सेट को गिरवी नहीं रखना पड़ता है। इसकी बजाए, उधारदाता आपकी एलिजिबिलिटी तथा लोन की शर्तों को तय करने के लिए आपकी साख और आय का मूल्यांकन करता है। लोन देने वाला बैंक या एनबीएफसी विभिन्न पहलुओं के संबंध में इनमें फर्क करता है?
कैसे तय होती है लोन की राशि
दोनों लोन के लिए उधार लेने की लिमिट अलग-अलग होती है। गोल्ड लोन के लिए, कोलेट्रल के तौर पर प्रदान किए गए गोल्ड की वैल्यू और प्यूरिटी (18 कैरट या अधिक) के आधार पर लोन की राशि तय की जाती है। आरबीआई के डायरेक्टिव के अनुसार, गोल्ड लोन के तहत मैक्सिमम लोन टू वैल्यू (एलटीवी) 75% है। महामारी के दौरान आरबीआई ने परमिसिबल लिमिट को 75% से 90% कर दिया था। उदाहरण के लिए, यदि आप 1 लाख रूपये मूल्य का गोल्ड गिरवी रखते हैं, तो आपको लोन के तौर पर 75,000/- रुपये दिए जाएंगे। पर्सनल लोन के मामले में, लोन की राशि 20,000/- रुपये से 1 करोड़ रूपये तक हो सकती है। इसको आपके क्रेडिट स्कोर तथा रिपेमेंट कैपेसिटी का आकलन करने के बाद यह तय किया जाता है।
लोन की अवधि कैसे तय होती है?
आमतौर पर गोल्ड लोन कम अवधि के लिए दिए जाते हैं। अक्सर यह अवधि छह महीने से 48 महीनों तक की हो सकती है। कुछ उधारदाता आपको 24 महीने में लोन चुकाने के लिए कह सकते हैं जबकि दूसरे आपको लोन चुकाने के लिए 36 महीने तक का समय दे सकते हैं। पर्सनल लोन में आपको लोन रिपेमेंट के लिए ज्यादा समय मिल जाता है। बैंक से पर्सनल लोन लेने पर आपको 12 महीने से लेकर 72 महीनों यानी 6 वर्ष तक का रिपेमेंट पीरियड मिल सकता है। कोई कोई बैंक तो सात साल के लिए भी पर्सनल लोन दे देता है।
रेट ऑफ इंटरेस्ट क्या होगा?
गोल्ड लोन सेक्योर प्रकार का लोन होता है। इसमें लोन लेने के लिए आपको अपना गोल्ड एसेट गिरवी या रेहन रखना पड़ता है। गोल्ड लोन के लिए ब्याज दरें, अलग-अलग उधारदाताओं द्वारा भिन्न-भिन्न ली जाती है। यह आमतौर पर 9 फीसदी से 27 फीसदी सालाना के बीच में होती हैं। गोल्ड लोन पर ब्याज दर को एलटीवी रेशो, लोन की अवधि, लोन की राशि, तथा उधारकर्ता के अन्य पैरामीटर्स को फेक्टर-इन करने के बाद तय किया जाता है। पर्सनल लोन पर ब्याज दरें 10.5 फीसदी से 24.00 फीसदी के बीच में होती है। यदि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो आप कम ब्याज दर पर पर्सनल लोन ले सकते हैं।
गोल्ड लोन बनाम पर्सनल लोन- कौन सा बेहतर है?
इमरजेंसी की स्थिति में, गोल्ड तथा पर्सनल लोन दोनो ही उपयुक्त फाईनेंसिंग ऑप्शन साबित होते हैं। आपको अपनी वास्तविक लोन ज़रूरत के आधार पर उन दोनों को एस्सेस करना चाहिए। यदि आपको अधिक लोन की ज़रूरत है, तो गोल्ड लोन आपके लिए सहायक नहीं होगा तथा आपको अन्य विकल्पों जैसे पर्सनल लोन पर विचार करना होगा। गोल्ड लोन की स्थिति में, मिनिमम डॉक्यूमेंटेशन की ज़रूरत होती है तथा अक्सर इसे शीघ्रतापूर्वक प्रदान कर दिया जाता है। प्री-एप्रूड पर्सनल लोन को भी बहुत शीघ्रतापूर्वक प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा, यदि आपका क्रेडिट स्कोर खराब है, तो आपके लिए पर्सनल लोन पाना एक चुनौती भरा काम हो सकता है, और यदि आपको पर्सनल लोन मिल भी जाता है, तो ऑफर किए जाने वाले सबसे अच्छी ब्याज दर की तुलना में आपको ऑफर की जाने वाली ब्याज दर बहुत अधिक होगी। आपकी गोल्ड लोन एप्लिकेशन पर क्रेडिट स्कोर का कोई फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि आपके गिरवी रखे गए गोल्ड के तौर पर उनके साथ कोलेट्रल जुड़ा रहता है।