बिजली उपभोक्ताओ को लगेगा झटका : सितम्बर का बिजली बिल मिलेगा बढ़कर, बिजली की दरो के साथ ऍफ़पीपीएस शुल्क भी

रायपुर। प्रदेशभर के 65 लाख बिजली उपभोक्ताओं को इस बार सितंबर के बिल में महंगी बिजली का डबल झटका लगेगा। अगस्त से बिजली बिल हॉफ योजना में 400 यूनिट तक बिल हॉफ को कम करके सौ यूनिट कर दिया गया है। ऐसे में 400 यूनिट की खपत पर हजार रुपए ज्यादा बिल देना पड़ेगा। इसी के साथ जुलाई के लिए जो एफपीपीएएस तय किया जा रहा है, वह छह से सात फीसदी लगने वाला है। ऐसे में जब सितंबर में अगस्त का बिल आएगा, तो इसमें जुलाई में की गई खपत पर एफपीपीएएस शुल्क भी लगेगा। बीते माह यह शुल्क 1.44 फीसदी माइनस में था।

प्रदेश में अब तक बिजली उपभोक्ताओं से. वीसीए के स्थान पर उत्पादन लागत के अंतर की राशि को उपभोक्ताओं से वसूलने के लिए नया फार्मूला फ्यूल पॉवर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) लागू है। सबसे पहले 2023 के अप्रैल में पहली बार नया फार्मूला लागू किया गया। बीते दो साल से उपभोक्ताओं को एफपीपीएएस शुल्क के नाम से हर माह झटका ही लगता रहा है। पहली बार यह झटका इस साल अप्रैल के बिल में नहीं लगा था। मई में फिर शुल्क 7.32 फीसदी लगा। जून के बिल में एफपीपीएएस 0.12 माइनस हो गया। इसके बाद जुलाई में भी एफपीपीएएस शुल्क 1.44 फीसदी माइनस में रहा, लेकिन अब एक बार फिर से एफपीपीएस शुल्क बढ़ रहा है।

400 यूनिट की खपत पड़ेगी भार

प्रदेश भर के घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को अब तक 400 यूनिट की खपत पर बिजली बिल आधा देना पड़ता था। इसमें ऊर्जा प्रभार के साथ एफपीपीएएस शुल्क आधा लगता था तो हजार रुपए बिल में कम हो जाते थे। लेकिन अब अगस्त से बिजली बिल हॉफ की सीमा को सौ यूनिट कर दिया गया है तो 400 यूनिट की खपत करने वालों को. हजार रुपए ज्यादा देने पड़ेंगे। सौ यूनिट से ज्यादा खपत होने पर सौ यूनिट पर भी हॉफ योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

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