मिल गया आठवां महाद्वीप, वैज्ञानिकों ने जारी किया नया नक्शा, जानें कहां है धरती का अजूबा जीलैंडिया

वेलिंग्टन: वैज्ञानिकों ने आठवां महाद्वीप खोजा है, जो कभी प्राचीन गोंडवाना भूमि का हिस्सा था। इस महाद्वीप का नाम जीलैंडिया है जो लगभग 94 फीसदी समुद्र के नीचे हैं। जबकि 6 फीसदी हिस्सा न्यूजीलैंड के आसपास का द्वीप बनाता है। ऐसा कहा जाता है कि इसकी खोज सबसे पहले 1642 में डच व्यापारी और नाविक एबेल तस्मान ने की थी, जो महान दक्षिणी महाद्वीप पर जाना चाहते थे। हालांकि वह इस जगह को खोज नहीं पाए। 2017 तक भूवैज्ञानिकों को यह भी पता नहीं चला कि महाद्वीप हमेशा से ही छिपा था।

भूवैज्ञानिकों और भूकंप विज्ञानियों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने ‘टेक्टोनिक्स’ पत्रिका में जीलैंडिया का एक अपडेट मैप प्रकाशित किया है। समुद्र तल से खोदी गई चट्टानों के नमूनों के आंकड़ों से वह इसके स्वरूप और संरचना का अनुमान लगाने में सक्षम थे। पश्चिमी अंटार्कटिका में जियोलॉजिकल पैटर्न की स्टडी करके वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे। उन्होंने न्यूजीलैंड के पश्चिमी तट पर कैंपबेल पठार के पास एक सबडक्शन क्षेत्र की संभावना जताई। सबडक्शन तब होता है जब एक समुद्री प्लेट एक महाद्वीपीय प्लेट से टकराती है और उसके नीचे खिसक जाती है।

कैसे किया अध्ययन

शोधकर्ताओं ने समुद्र तल से लाए गए चट्टानों और तलछट के नमूनों के संग्रह का अध्ययन करके जीलैंडिया के मौजूदा मानचित्रों को और भी बेहतर किया। जबकि इनमें से ज्यादातर नमूने ड्रिलिंग स्थलों और द्वीपों के तटों से आए थे। न्यूजीलैंड क्राउन रिसर्च इंस्टीट्यूट जीएनएस साइंस के भूवैज्ञानिकों ने इस बात को स्वीकार किया कि नया महाद्वीप का ज्यादातर भाग पानी के नीचे हैं, फिर भी बहुत कुछ साफ होने में समय लगता है। उन्होंने कहा, ‘यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसे अभी तक हम पूरी तरह से समझ नहीं पाए हैं।’

10 करोड़ साल पहले डूबने लगा

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक जीलैंडिया 49 लाख स्कॉयर किमी में फैला है। 2017 में भूवैज्ञानिकों का एक ग्रुप तब चर्चा में आ गया जब उन्होंने आठवें महाद्वीप की घोषणा की। जीलैंडिया मूल रूप से प्राचीन महाद्वीप गोंडवाना का हिस्सा था, जो 55 करोड़ वर्ष पहले बना। वैज्ञानिकों का कहना है कि 10.5 करोड़ साल पहले यह महाद्वीप पानी के नीचे डूबने लगा। हालांकि वैज्ञानिक अभी भी इसके कारण खोजने में लगे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button