विशेष बच्चों की शिक्षा और संस्कार समाज के लिए प्रेरणास्रोत : मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े

ज्ञानोदय श्रवण बाधित विशेष विद्यालय, विश्रामपुर ने पूरे किए गौरवशाली 30 वर्ष

रायपुर : विशेष बच्चों की शिक्षा, संस्कार और आत्मनिर्भर जीवन की ओर बढ़ते कदम पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं। समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने आज ये बातें कहीं। श्रीमती राजवाड़े विश्रामपुर स्थित ज्ञानोदय श्रवण बाधित विशेष विद्यालय की 30वीं वर्षगांठ पर आयोजित भव्य समारोह को संबोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार विशेष बच्चों की शिक्षा, प्रशिक्षण और पुनर्वास के लिए निरंतर प्रयासरत है। समाज और परिवार के सहयोग से ही इन बच्चों की प्रतिभा और आत्मविश्वास को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया जा सकता है। श्रीमती राजवाड़े ने विद्यालय परिवार को हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित कीं और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना की।

इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय का अवलोकन किया और शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों की जानकारी भी प्राप्त की। मंत्री ने विद्यालय की तीन दशक की सेवाओं को सराहते हुए कहा कि ज्ञानोदय विद्यालय ने विशेष बच्चों के लिए शिक्षा और संस्कार का एक मजबूत आधार तैयार किया है, जिसकी चमक आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचेगी।

कार्यक्रम में नगर के जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, अभिभावक तथा विद्यालय परिवार बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। बच्चों द्वारा प्रस्तुत नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी को भाव-विभोर कर दिया। उनके आत्मविश्वास और प्रतिभा ने वातावरण को प्रेरणादायी बना दिया। विद्यालय की 30 वर्ष की गौरवशाली यात्रा को समाजसेवियों और अभिभावकों ने भी सराहा और भविष्य में इसे और सशक्त बनाने का संकल्प लिया।

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