रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को राज्य सरकार के दो खनिज अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। शाम को उन्हें रायपुर के सप्तम सत्र न्यायालय में पेश किया गया। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने इन दोनों अधिकारियों से पूछताछ के लिए पांच दिन की रिमांड मांगी। बचाव पक्ष को सुनने के बाद अदालत ने दोनों आरोपियों को दो दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का आदेश दिया। इस मामले में इन दोनों को मिलाकर कुल 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
बताया जा रहा है, इस बार प्रवर्तन निदेशालय ने जिला खनिज अधिकारी एस.एस. नाग को गिरफ्तार किया है। नाग अभी कोरबा में खनिज विभाग के उप संचालक हैं। इससे पहले वे रायगढ़ में खनिज अधिकारी रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय पिछले कई सप्ताह से रायगढ़ तैनाती के दौरान हुए कार्य-व्यवहार के बारे में उनसे पूछताछ करती रही है। उन्हें एक बार अधिकारियों ने तीन दिनों तक घर नहीं जाने दिया था। उनको भोपाल ले जाकर भी पूछताछ करने की खबर थी। नाग को बुधवार तड़के प्रवर्तन निदेशालय ने जगदलपुर स्थित घर से गिरफ्तार किया। विशेष न्यायाधीश अजय प्रताप सिंह राजपूत के छुट्टी पर होने के कारण ADJ वंदना दीपक देवांगन की कोर्ट में पेश किया गया। उनके साथ सूरजपुर के सहायक खनिज अधिकारी संदीप नायक को भी गिरफ्तार किया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि राज्य सरकार के अफसरों, कुछ नेताओं-कारोबारियों के मिलीभगत से कोयला परिवहन में अवैध लेवी वसूली का कारोबार चल रहा है। एक गिरोह की मदद से ये लोग प्रत्येक टन कोयला परिवहन के पीछे 25 रुपए की दर से लेवी वसूलते थे। दावा किया गया कि 16 महीनों में इस अवैध लेवी से 500 करोड़ रुपए की कमाई की गई है। यह पैसा अफसरों, नेताओं और कारोबारियों के यहां पहुंचा है। इस पैसे का बेनामी संपत्तियां खड़ा करने और मनी लांड्रिंग में उपयोग हुआ है। सुनवाई के बाद अदालत ने दोनों आरोपियों को 27 जनवरी को शाम 4 बजे ईडी की विशेष कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। 27 जनवरी को ही तीन दिन पूर्व गिरफ्तार जमीन कारोबारी दीपेश टांक की भी प्रवर्तन निदेशालय रिमांड खत्म हो रही है। उसे भी इन दोनों के साथ 27 जनवरी को अदालत में पेश करना होगा।