CM Chandrababu Naidu को ED ने किस मामले में दी क्लीन चिट?
371 करोड़ के कौशल विकास घोटाले में आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू को ईडी ने क्लीनचिट दे दी है।
Skill Development Scam: 371 करोड़ के कौशल विकास घोटाले में आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के सीएम चंद्रबाबू नायडू (CM Chandrababu Naidu) को ईडी (ED) ने क्लीनचिट दे दी है। तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और सीएम नायडू को इसी स्कैम में तत्कालीन वाईएस जगनमोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) सरकार में 53 दिन जेल में बिताने पड़े थे। 9 सितंबर 2023 को सीआईडी टीम ने नायडू को सुबह नंद्याल से गिरफ्तार किया था। चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ साल 2021 में एफआईआर दर्ज की गई थी। सीआरपीसी की धारा 50(1)(2) के तहत चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी की गई थी। नायडू 31 अक्तूबर 2023 को जमानत पर जेल से बाहर आए थे। अब दोबारा सीएम बनने के बाद नायडू को ED ने क्लीनचिट दी है।
क्या है कौशल विकास घोटाला
दरअसल आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की सरकार में युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देने के लिए योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के हैदराबाद और इसके आसपास के इलाकों में स्थित भारी उद्योगों में काम करने के लिए युवाओं को जरूरी कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाना था। सरकार ने योजना के तहत इसकी जिम्मेदारी एक कंपनी Siemens को दी थी। योजना के तहत छह क्लस्टर्स बनाए गए और इन पर कुल 3300 करोड़ रुपये खर्च होने थे। जिसमें हर क्लस्टर पर 560 करोड़ रुपये खर्च होने थे।
तत्कालीन चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने कैबिनेट में बताया कि योजना के तहत राज्य सरकार कुल खर्च का 10 प्रतिशत यानी कि 370 करोड़ रुपये खर्च करेगी। वहीं बाकी का 90 प्रतिशत खर्च कौशल विकास प्रशिक्षण देने वाली कंपनी सीमेन्स द्वारा दिया जाएगा। आरोप है कि चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने योजना के तहत खर्च किए जाने वाले 371 करोड़ रुपये शैल कंपनियों को ट्रांसफर कर दिए। पूर्व सीएम पर ये भी आरोप है कि शैल कंपनियां बनाकर उन्हें पैसे ट्रांसफर करने से संबंधित दस्तावेज भी नष्ट कर दिए।
ईडी भी कर रही जांच
कौशल विकास घोटाले की जांच ईडी भी कर रही है। कुछ माह पहले ईडी ने इस घोटाले की आरोपी कंपनी डिजाइनटेक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड की 31 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति भी अटैच की थी। आरोप है कि इसी कंपनी के जरिए सरकारी योजना का पैसा शैल कंपनियों को ट्रांसफर किया गया, साथ ही फर्जी इनवॉइस तैयार की गईं। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से मामले की जांच कर रही है। ईडी ने इस मामले में सीमेन्स कंपनी के पूर्व एमडी सोम्याद्री शेखर बोस, डिजाइनटेक कंपनी के एमडी विकास विनायक खानवेलकर, पीवीएसपी आईटी स्किल्स प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड और स्किलर एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ मुकुल चंद्र अग्रवाल, सीए सुरेश गोयल के खिलाफ मामला दर्ज किया था।