डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा एक्शन : इस देश के 200 से अधिक अवैध प्रवासियों को सबसे खतरनाक जेल में भेजा, यहां जाने से कांपते हैं खूंखार अपराधी

वाशिंगटन, डीसी : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अवैध प्रवासियों को बिलकुल की बख्शने के मूड में नहीं है। ट्रंप भारत समेत कई देशों के हजारों अवैध अप्रवासियों को गिरफ्तार कर उनके देश डिपोर्ट कर चुके हैं। अब अवैध प्रवासियों को लेकर ट्रंप ने एक और बड़ा एक्शन लिया है। ट्रंप ने वेनेजुएला (Venezuela) के 200 से अधिक अवैध प्रवासियों को अल साल्वाडोर (El Salvador) देश में स्थित सबसे खतरनाक जेल में भेज दिया है। इस जेल में जाने से खूंखार अपराधी भी कांपते हैं। अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति ने खुद इस बात की जानकारी दी है।
अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने बताया कि वेनेजुएला के आपराधिक संगठन, ट्रेन डी अरागुआ के पहले बैच के 238 सदस्य अल साल्वाडोर आ गए हैं। इन सभी को एक साल के समय के लिए आतंकवाद कारावास केंद्र, सीईसीओटी में ट्रांसफर कर दिया गया है। नायब बुकेले ने कहा कि अमेरिका इसके लिए काफी कम पैसे का भुगतान करेगा, लेकिन हमारे लिए यह काफी ज्यादा है।
कैदी करेंगे प्रोडक्शन का काम
अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने बताया है कि सरकार जीरो आइडलनेस कार्यक्रम चला रही है। इसके तहत 40,000 से अधिक कैदियों की मदद से देश की जेलों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। अमेरिका से भेजे गए कैदियों को भी इनके साथ ही प्रोडक्शन में लगाया जाएगा। इन जेलों की लागत $200 मिलियन प्रति वर्ष है।
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बता दें कि एक संघीय न्यायाधीश ने उन सभी को अमेरिका लौटाने का आदेश दिया था। बावजूद इसके ट्रंप प्रशासन ने सभी को जेल भेज दिया है। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि वह अदालत की अवहेलना नहीं कर रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी तर्क दिया कि अदालत के फैसले को नजरअंदाज करना उसके अधिकार के भीतर आता है।
व्हाइट हाउस ने जारी किया बयान
रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक बयान में कहा, “किसी एक शहर का न्यायाधीश उन विदेशी आतंकवादियों से भरे विमानवाहक पोत की गतिविधियों को नियंत्रित नहीं कर सकता, जिन्हें अमेरिकी धरती से शारीरिक रूप से निष्कासित किया गया था।
कोर्ट ने लगा दी थी रोक
वाशिंगटन, डीसी में एक संघीय न्यायाधीश ने पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा विदेशी शत्रु अधिनियम लागू करने पर रोक लगा दी थी। यह 18वीं सदी का एक कानून है, जिसका इस्तेमाल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी मूल के अमेरिकी निवासियों को पकड़ने और बिना मुकदमे के नजरबंदी शिविरों में रखने के लिए किया गया था। ट्रंप ने इस अधिनियम की युद्धकालीन शक्तियों का उपयोग करके वेनेजुएला के ट्रेन डी अरागुआ गिरोह के कथित सदस्यों को शीघ्र निर्वासित करने की मांग की थी, जो अपहरण, जबरन वसूली और अनुबंध हत्याओं से जुड़े होने का आरोप झेल रहे हैं।