क्या POCSO और तत्काल गिरफ्तारी बृजभूषण पर लागू नहीं होती क्योंकि वोट मायने रखते हैं, महिला पहलवान नहीं: सिब्बल

नई दिल्ली : रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के ऊपर पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोप पर राज्य सभा के एमपी कपिल सिब्बल ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि बृजभूषण के भाजपा से संबंधित होने के कारण क्या POCSO और तत्काल गिरफ्तारी उनके अलावा सभी आरोपियों पर लागू होती है?

राज्य सभा के एमपी होने के साथ कपिल सिब्बल एक वरिष्ठ वकील भी है जो सुप्रीम कोर्ट में पहलवानों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। दरअसल, इंटरनेशनल स्तर पर पदक जीत चुके पहलवान हरिद्वार में अपने मेडल बहाने जा रहे थे, लेकिन किसानों के नेता राकेश टिकैत ने उन्हें ऐसा करने से रोका। हालांकि, इसके बाद पहलवानों ने सरकार को पांच दिनों का समय दिया है।

ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और एशियाई खेलों के पदक विजेता विनेश फोगाट बृजभूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए हर की पौड़ी पहुंचे। केंद्र सरकार ो निशाने पर लेते हुए सिब्बल ने ट्वीट किया।

सिब्बल ने एक ट्वीट में कहा- “बृजभूषण सिंह:  POCSO और 164 बयानों के बाद तत्काल गिरफ्तारी बृजभूषण सिंह के अलावा सभी आरोपियों के लिए लागू होती है। क्योंकि, 1. वह भाजपा से हैं। 2. प्रतिष्ठित महिला पहल

यूपीए-1 और 2 सरकार के दौरान केंद्र मंत्री रह चुके सिब्बल ने पिछले साल ही कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था। उन्हें राज्य सभा में समाजवादी पार्टी के समर्थन से निर्दलीय सदस्य के तौर पर चुना गया है।

पहलवानों के विरोध के बाद पिछले महीने ही पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। पहले एफआईआर के तहत बृजभूषण के खिलाफ नाबालिक द्वारा यौन शोषण और दूसरे में व्यस्क पहलवानों पर अपमानजनक विषयों के तहत मामला दर्ज किया था।

दिल्ली पुलिस ने 28 मई को साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को हिरासत में लिया था, उनके खिलाफ नियमों के उल्लघंन का आरोप लगा था।

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