पटना: जेल कानून में संशोधन के बाद बाहुबली आनंद मोहन रिहा हो गए। इसका सियासी नफा-नुकसान सरकार को ही भोगना-सहना पड़ रहा। कहा जा रहा है कि सुशासन बाबू की छवि वाले नितीश कुमार नैतिक नहीं बल्कि वोट के हिसाब फैसला लिए हैं। बीजेपी ने तो बीच का रास्ता अपना लिया। आनंद मोहन की रिहाई से कोई एतराज नहीं, लेकिन जेल मैनुअल में संशोधन से चिढ़ है। आनंद मोहन के साथ 26 और सजायाफ्ता आजाद हो गए। अब पटना में पोस्टर लगाकर बाहुलबली अनंत सिंह और प्रभुनाथ सिंह को रिहा करने की मांग होने लगी।
जेल नियम में बदलाव कर आनंद मोहन की रिहाई
IAS कृष्णैया के मामले में हत्या सजायाफ्ता आनंद मोहन सिंह की रिहाई हो गई। अब बिहार में कुछ दूसरे बाहुबली राजनेताओं को मुक्त करने की मांग को तेज हो गई है। ऐसे में नीतीश कुमार की बेचैनी बढ़नी तय है। पूर्व सांसद आनंद मोहन को लाभ पहुंचाने के लिए जेल नियमों में बदलाव किया गया। जिसके बाद से नीतीश सरकार की काफी किरकिरी हो रही है।
प्रभुनाथ और अनंत की रिहाई के लिए लगा पोस्टर
लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाले आरजेडी से ताल्लुक रखने वाले एक और पूर्व सांसद प्रभानाथ सिंह और पूर्व विधायक अनंत सिंह को मुक्त करने के लिए आवाज उठाई जा रही है। आनंद मोहन के मामले का हवाला देते हुए पटना में प्रभुनाथ और अनंत की जल्द रिहाई की मांग करते हुए कई पोस्टर लगाए गए, उनके समर्थकों ने उन्हें मुक्त करने के लिए अभियान शुरू कर दिया है।
पटना में लगे पोस्टर में ये बातें लिखी हुई है
आनंद मोहन की रिहाई को लेकर राजपूत समाज के नेता को जेल से छोड़ने के तौर पर देखा जा रहा है। पटना में लगे पोस्टर में अनंत सिंह और प्रभुनाथ सिंह को शेर दिखाया गया है। पोस्टर पर लिखा है कि ‘सवर्ण को चाहिए अधिकार, नहीं चलेगा अत्याचार। आनंद मोहन की जेल से रिहाई, प्रभुनाथ सिंह को भी जेल से बरी करो भाई। अनंत सिंह के योगदान को क्यों भुलाओगे, क्या जेल से उनको नहीं लाओगे। ये पोस्टर सवर्ण क्रांति दल के अध्यक्ष होने का दावा करनेवाले कृष्ण कल्लू सिंह ने लगाया है। इसमें मांग की गई है कि आनंद मोहन की तरह ही अनंत सिंह और प्रभुनाथ सिंह को भी रिहा किया जाए। राजनीतिक साजिश के तहत इन्हें को फंसाया गया है।
MLA मर्डर केस में प्रभुनाथ सिंह को सजा
बिहार जेल नियमावली 2012 के एक विशेष खंड में हालिया संशोधन के बाद आनंद मोहन गुरुवार को जेल से बाहर आ गए। जनता दल के तत्कालीन विधायक (मशरख) अशोक सिंह की 3 जुलाई 1995 को उनके पटना आवास पर गोली और बम मारकर हत्या कर दी गई थी। इसी मामले में प्रभुनाथ को मई 2017 में हजारीबाग की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
AK-47 मामले में जेल काट रहे अनंत सिंह
मोकामा से पांच बार के विधायक अनंत को अगस्त 2019 में छापे के दौरान उनके आवास से एक एके-47 राइफल और अन्य हथियार जब्त किए जाने के बाद आर्म्स एक्ट मामले में 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। दो दबंग कृष्णा सिंह कल्लू ने शनिवार को मीडिया से कहा कि वो सवर्ण नेताओं का केस लड़ने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
JDU की ओर से अनंत-प्रभुनाथ पर आया बयन
स्वर्ण क्रांति दल के प्रमुख होने का दावा करने वाले कल्लू ने कहा कि राज्य सरकार को उन्हें छोड़ना ही पड़ेगा। हालांकि सत्तारूढ़ महागठबंधन के नेताओं ने ऐसी मांगों को खारिज कर दिया। जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन ने कहा कि इसका कोई मतलब नहीं है। निर्धारित प्रक्रिया के तहत आनंद को जेल से रिहा किया गया। इन नेताओं ने अपनी जेल की अवधि पूरी नहीं की है।