गर्भपात की गोली ‘मिफेप्रिस्टोन’ पर दिए फैसले को लेकर अमेरिका के दो कोर्ट में छिड़ी बहस
वाशिंगटन : अमेरिका में गर्भपात की गोली को बैन करने को लेकर कानूनी लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। बता दें कि टेक्सास और वाशिंगटन में फेडरल जजों ने 7 मार्च को मिफेप्रिस्टोन दवाई को निलंबित करने का फैसला सुनाया था।
ये दवाई आमतौर पर गर्भपात के लिए इस्तेमाल की जाती है। इन गोलियों के सेवन को अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने मान्यता दे रखी है। बता दें कि अमेरिका के जिन राज्यों ने गर्भपात पर रोक लगाई है, अब वहां इन गोलियों की डिलीवरी रोकने के उपायों पर विचार चल रहा है।
गोलियों पर लगेगी रोक?
सात मार्च को टेक्सास में एक संघीय न्यायाधीश ने गर्भपात की गोली के खाद्य एवं औषधि प्रशासन की मंजूरी पर रोक लगा दिया है, वहीं न्याय विभाग को अपील करने के लिए सात दिन का समय भी दिया है। वहीं, वाशिंगटन राज्य के एक संघीय न्यायाधीश ने कहा कि एफडीए को कम से कम 12 उदार राज्यों में गर्भपात की गोली उपलब्ध रखनी चाहिए।
एफडीए के सीमा क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं कर सकती राज्य सरकार
विशेषज्ञों के मुताबिक, राज्यों को ऍफ़डीए से मंजूरी प्राप्त दवाओं को प्रतिबंधित करने का अधिकार नहीं है। वर्ष 2014 में जब मेसाचुसेस्ट्स राज्य ने एक दवा पर रोक लगाई, तो कोर्ट ने प्रतिबंध को रद्द करते हुए कहा था कि राज्य सरकार उस दवा का इस्तेमाल नहीं रोक सकती, जिसे एफडीए ने सुरक्षित बताया हो।
वहीं, महिलाओं का मानना है कि रिपब्लिकन पार्टी अगर सत्ता में आई तो वह राज्य में गोलियों को प्रतिबंधित करने का प्रयास कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, अमेरिका के लगभग 20 राज्यों में गर्भपात पर रोक लगाने का कानून पारित हो चुका है।