मध्य प्रदेश के हर थाने में सायबर डेस्क, जिले में सायबर थाना और राज्यस्तरीय कॉल सेंटर बनेगा
भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के दुरुपयोग से बचने के लिए पुलिस को सतर्क रहने के लिए कहा है। मंत्रालय में गृह विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस को ‘फ्यूचर रेडी’ यानी भविष्य के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।
इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी की अद्यतन तकनीकों का उपयोग किया जाए। प्रत्येक थाने में सायबर डेस्क, हर जिले में सायबर थाना और राज्य स्तर पर कॉल सेंटर बनाया जाए। सायबर धोखाधड़ी से लोगों को बचाने के लिए सघन जागरूकता अभियान चले।
हाल ही में बांधवगढ़ में 10 हाथियों की मौत के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलों में वन्य पशुओं की गतिविधियों से जन जीवन प्रभावित होने या जन हानि की आशंका है वहां वन विभाग से समन्वय और सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हुए पुलिस सक्रिय रहे।
पुलिस सोशल मीडिया पर निगरानी रखे
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस सोशल मीडिया पर चलने वाली गतिविधियों और मैसेज आदि पर निगरानी रखे। भ्रामक, गलत खबर फैलाने वालों पर त्वरित कार्रवाई करें। कानून-व्यवस्था के साथ अन्य भ्रामक खबरों के बारे में संबंधित विभाग को तथ्यों की जांच करने के लिए कहें जिससे वस्तुस्थिति पता चल सके।
नए क्रिमिनल कोड के संबंध में प्रशिक्षण दें। प्रत्येक प्रकरण की जांच और चालान प्रस्तुत करने के लिए आवश्यकतानुसार पेन ड्राइव, टेबलेट इत्यादि पुलिस स्टाफ को उपलब्ध कराने विभागीय स्तर पर बजट प्रविधान किया जाए। प्रत्येक संभाग में एफएसएल लैब बने। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
ये भी दिए निर्देश
एडीजी स्तर के अधिकारी नियमित रूप से संभाग स्तर पर दौरे और अपराधों की समीक्षा करें।
उज्जैन में महाकाल मंदिर क्षेत्र के प्रबंधन के लिए मंदिर क्षेत्र में थाना स्थापित करें।
महिला अपराधों की रोकथाम के लिए विशेष प्रयास और महिला सशक्तीकरण पर केंद्रित गतिविधियां चलाएं।
नाबालिग बालिकाओं के साथ दुष्कर्म के आरोपितों को कठोरतम दंड दिलाना सुनिश्चित करें। गुम बालिकाओं की बरामदगी के लिए विशेष अभियान चले।
संदिग्ध हुक्काबार, नाइट क्लब आदि पर भी निगरानी बढ़ाएं। नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए पड़ोसी राज्यों से समन्वय कर अंतरराज्यीय गिरोहों के विरुद्ध अभियान चलाएं। नशे के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए कड़ी निगरानी की जाए।
पुलिसकर्मी और अधिकारी को स्वयं का आवास निर्मित करने के लिए विभाग की ओर से दी जाने वाली अनुमति और ऋण व्यवस्था की प्रक्रिया सरल बनाएं। समयबद्ध पदोन्नति हो।
गौ-तस्करों पर भी कठोर कार्रवाई की जाए।
मार्च 2026 तक नक्सली गतिविधियों को पूरी तरह से खत्म करें
बैठक में मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में नक्सल विरोधी अभियान संबंधी बैठक में मार्च-2026 तक नक्सल गतिविधियों को पूर्णत: समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। इस लक्ष्य को पाने के लिए प्रदेश के संभावित नक्सल क्षेत्र में सघन आपरेशन चलाया जाए। आवश्यकतानुसार हाकफोर्स की भर्ती की जाए।
जनसंख्या के अनुपात में पुलिसबल की भर्ती होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस अनुपात में पुलिसकर्मी सेवानिवृत्त हो रहे हैं उस अनुपात में प्रतिवर्ष भर्ती की की जाए। प्रदेश की जनसंख्या के अनुपात में यदि अधिक पुलिस बल की आवश्यकता हो तो उसके अनुसार भर्ती करें। आगामी वर्षों में पुलिसकर्मी और हर स्तर पर पर्याप्त बल उपलब्ध हो और प्रदेश में काडर मैनेजमेंट व्यवस्थित बना रहे। श्रेष्ठ कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्यस्तरीय ‘रूस्तमजी’ पुरस्कार पुन: प्रारंभ करें।