Crime News: पत्नी और बेटी ही निकले कातिल : एक लाख रुपये की सुपारी देकर करवाई हत्या

कोरिया। Crime News: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के बड़गांव कोसाबारी इलाके में पुलिया के नीचे बोरी में लिपटे शव की गुत्थी सुलझ गई। पुलिस ने 24 घंटे के अंदर मामला सुलझाया और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस अपराध के पीछे मृतक की पत्नी और बेटी का ही हाथ था। उन्होंने 1 लाख रुपये की सुपारी देकर वारदात को अंजाम दिलवाया था।
मिली जानकारी के अनुसार, 29 मार्च को बड़गांव कोसाबारी पुलिया के नीचे कंबल, दरी और बोरी में लिपटा हुआ एक शव बरामद हुआ। इसके बाद पुलिस ने टीम बनाकर मामले की जांच शुरू की। शव की पहचान खुटरापारा निवासी अशोक कुमार कुर्रे के रूप में हुई। मृतक एसईसीएल महाप्रबंधक कार्यालय में अस्थायी रूप से फाइल बाइंडिंग और चाय पिलाने का काम करता था। पुलिस ने बताया कि, मृतक की पत्नी सांता कुर्रे ने 26 मार्च को थाने में अपने पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन मामले की गहराई से जांच करने पर पता चला कि, यह पूरा मामला हत्या का है।
पूछताछ में पत्नी और बेटी ने कुबूल किया अपना जुर्म
Crime News: पुलिस पूछताछ में मृतक की पत्नी और बेटी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। मृतक की बेटी सरिता कुर्रे उम्र 21 वर्ष ने बताया कि, उसका पिता नशे का आदी था और रोज रात में उसकी मां के साथ मारपीट करता था। इतना ही नहीं, पिछले एक साल से वह बेटी के साथ अश्लील हरकतें भी कर रहा था। इन अत्याचारों से परेशान होकर मां-बेटी ने उसकी हत्या की साजिश रची और अपने परिचित शहनाज खान और उसके बेटे तौसिफ खान (बाबू) से संपर्क किया। तौसिफ और उसके साथी अमानुल खान (बाबा) ने हत्या के लिए 1 लाख रूपए की मांग की। सौदा तय होने के बाद 40,000 रूपए एडवांस दिए गए और हत्या की योजना को अंजाम दिया गया।
ऐसे हुई थी हत्या
Crime News: 19 मार्च की रात 10 बजे सरिता ने तौसिफ और अमानुल को घर बुलाकर अंदर छिपा लिया। जैसे ही अशोक कुर्रे खाना खाकर बाहर के कमरे में खटिया पर सो गया, उसकी बेटी ने मैसेज कर तौसिफ और अमानुल को बुलाया। वहीं बाकी छोटे बच्चों को एक कमरे में बंद कर दिया गया। इसके बाद तौसिफ और अमानुल खान ने धारदार हथियार (चापड़) से अशोक के सिर और गर्दन पर वार किया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस दौरान पत्नी सांता कुर्रे और बेटी सरिता ने मृतक के पैर पकड़ रखे थे। हत्या के बाद शव को दरी और बोरी में लपेटकर रस्सी से बांधा और बाइक पर रखकर पुलिया के नीचे फेंक दिया।