कांग्रेस नेता का कारनामा?: अवैध मुरुम खनन; रायल्टी चोरी, 5 पर्ची में 50 हाईवा मुरूम हो जाता है पार!
दुर्ग। छत्तीसगढ़ में गौण खनिजों के अवैध उत्खनन की ख़बरें लगातार सामने आती हैं। दुर्ग जिले में भी कुछ जगहों पर खनिज विभाग की मिली भगत से खुलेआम रेत और मुरुम का अवैध उत्खनन हो रहा है। धमधा ब्लॉक के कोड़िया में कथित रूप से बेमेतरा जिले के युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष की ओर से धड़ल्ले से खनन किया जा रहा है। बताया जा रहा हैं कि उसने दूसरे के नाम पर मुरुम की लीज ली है और दो चेन माउंटेन मशीन से मुरुम निकाल रहा है। इतना ही नहीं बिना डेट की पर्ची काटकर रॉयल्टी चोरी की जा रही है।
अवैध मुरूम खनन की सच्चाई जानने के लिए जब हमारी टीम दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक अंतर्गत सगनी रोड किनारे कोड़िया गांव पहुंची। तो वहां पर दो चेन माउंटेन मुरूम खोदने का काम कर रही थी। कई हाईवा मुरुम को भर-भरकर ले जा रहे थे। वहीं पर जिला अध्यक्ष, युवा कांग्रेस बेमेतरा का बोर्ड लगाए एक गाड़ी खड़ी थी। पूछने पर वहां खड़े युवक ने बताया कि मुरूम वही लोग निकाल रहे हैं।
युवक के मुताबिक़ उसका भाई कांग्रेस नेता है। उसने कोड़िया सरपंच की सहमति से खनिज विभाग द्वारा दिया गया अनुमति पत्र दिखाया। मुरूम निकालने और परिवहन का ये अनुमति पत्र जेवरा सिरसा निवासी माधो प्रसाद पटेल के नाम पर था। उसे 1000 घनमीटर मुरूम निकालने का परमिशन था। लेकिन मौके पर 15-20 एकड़ जमीन को 20-30 फीट तक खोद डाला गया है। इसके बाद भी खनिज विभाग के अधिकारी का कहना है कि उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है।
खनिज विभाग द्वारा जारी रॉयल्टी पर्ची को चेक किया गया तो उसमें एक दिन में मात्र 4-5 पर्ची ही काटी गई हैं। जबकि दिन में कम से कम 40-50 हाईवा मुरूम का परिवहन किया जा रहा है। मौके पर डायरी में कई रॉयल्टी पर्ची ऐसी भी कटी मिली जिसमें डेट नहीं पड़ी थी। इससे साफ होता है कि वो गाड़ी वालों को बिना डेट की रॉयल्टी पर्ची देते हैं। अगर कोई चेक किया तो डेट वहीं पर भरकर दिखा दिया, नहीं तो वही पर्ची कई दिनों तक चलती रहती है। वहां खड़े युवक ने कहा कि रॉयल्टी के साथ मुरुम देने लगेंगे तो उनका मुरूम इतना महंगा होगा कि कोई लेगा ही नहीं। इसलिए मजबूरी में रॉयल्टी चोरी करके मुरूम सप्लाई देना पड़ रहा है।
सूत्रों का दावा है की इस अवैध खनन के पूरे खेल में खनिज विभाग के अधिकारी पूरी तरह से मिले हुए हैं। मुरूम खनन करवा रहे युवक ने भी कहा कि खनिज विभाग के अधिकारियों को पूरी जानकारी है। आप बताओ क्या करना है। यहां कई लोग बिना एनओसी के खनन कर रहे हैं, उन्होंने कम से कम दूसरे के नाम पर एनओसी तो ली हुई है। इससे साफ है कि अवैध खनन का खेल जिले में किस हद तक चल रहा है।
बता दें अवैध खनन और रॉयल्टी चोरी को रोकने के लिए खनिज विभाग ने कई जगह अपने चेकपोस्ट बनाए हैं। वहां पर खनिज विभाग के सिपाहियों की ड्यूटी लगी होती है। खनन माफिया इतने शातिर हैं कि उन्होंने चेकपोस्ट प्रभारी से भी हर गाड़ी के बीच कमीशन सेट कर लिया है। इससे बिना रॉयल्टी के रेत और मुरूम परिवहन करता हुआ हाईवा देखकर वो लोग अपनी आंख बंद कर लेते हैं। जिला खनिज अधिकारी ने पूरे मामले में कार्रवाई की बात तो कही है, पर देखना हैं की यह कब तक होता हैं।
खनिज विभाग अवैध खनन को रोकने के लिए जरा भी गंभीर नहीं है। उसकी इस अनदेखी पर राजस्व विभाग के अधिकारी भी उंगली उठा चुके हैं। एक हफ्ते पहले ही जेवरा सिरसा में महिला तहसीलदार ने देर रात अवैध रेत खनन पर कार्रवाई करके वहां बड़ी संख्या में हाईवा और चेन माउंटेन मशीन को जब्त किया था। तहसीलदार ने कार्रवाई के लिए खनिज विभाग के अधिकारियों को सूचना दी थी, लेकिन कोई वहां नहीं पहुंचा। उल्टा सूचना पहुंचा दी गई, जिससे कई गाड़ियां वहां से निकल गई। तहसीलदार ने कार्रवाई के दौरान पाया कि नदी किनारे 20 फीट गहरा गड्ढा करके रेत निकाली जा रही है। तहसीलदार ने मीडिया में भी कहा था कि जो कार्रवाई जिस विभाग को करनी चाहिए वो करते ही नहीं है। इसके बाद कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा खनिज विभाग पर कोई लगाम नहीं लगा रहे हैं।
बेमेतरा के तेंदूभाटा में मुरुम खनन करते जेसीबी व हाइवा जब्त
उधर बेमेतरा से लगे हुए ग्राम तेंदूभाटा में बिना अनुमति के मुरुम खनन करने एक हाइवा वाहन और जेसीबी जब्त किया गया है। राजस्व विभाग की टीम ने निरीक्षण के दौरान यह कार्रवाई की। जब्त वाहनों को थाने में रखा गया है। एसडीएम सुरुचि सिंह ने गुरुवार को सुबह करीब 11 बजे ग्राम में मौके पर खुद पहुंचकर यह कार्यवाई की हैं। जांच के करते हुए जरूरी दस्तावेज की मांग करने पर खनन करने वाले चालक तोरण वर्मा एवं कपिल यादव ने जरूरी दस्तावेज नहीं दिखा पाए। जिसके बाद जब्ती की कार्रवाई की गई।
उन्होंने बताया कि जेसीबी मशीन क्रमांक सीजी 25,5207 और हाइवा वाहन क्रमांक सीजी, 25 बी 0103 को आगामी आदेश तक थाना के सुपुर्द किया गया है। दोनों वाहन ग्राम तेंदू भाटा के अपेंद्र का होना बताया गया है।