रायपुर। देश में आज 1 जुलाई से नया आपराधिक कानून लागू हो चुका है. इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने निवास कार्यालय में आज से देशभर में लागू हो रहे तीन नवीन कानूनों पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया. उन्होंने (CM Vishnudeo Say) अपने सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा कि भारतीय दंड संहिता अब भारतीय न्याय संहिता बन चुकी है. ब्रिटिश राज के औपनिवेशिक अपराध कानूनों का दौर खत्म हो गया है.
जानिए क्या हैं तीन कानून:
बता दें, ब्रिटिश काल में बनाई गई IPC (भारतीय दण्ड संहिता) को हटा कर BNS यानि भारतीय न्याय संहिता, CRPC (दंड प्रक्रिया संहिता की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के स्थान पर अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 पेश किये गए तीनों नए कानून लागू हो गए हैं.
सीएम साय (CM Vishnudeo Say) ने पोस्ट पर लिखा कि अंग्रेजों के बनाए “दंड विधानों” से हम “न्याय विधानों” की ओर उन्मुख हो चुके हैं. जहां भारतीय दंड संहिता, 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता, 2023, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 को नये सिरे से नये कलेवर में प्रस्तुत किया गया है.
जैसा कि कहा जाता है कि न्याय मिलने में देरी, न्याय ना मिलने के समान है. इस बात को ध्यान में रखते हुये नये कानूनों की प्रक्रिया में आवश्यकतानुसार व्यापक परिवर्तन किया गया है. जिससे पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाया जा सके। ऐसा करने से न्याय प्रणाली में आम जनता का विश्वास और मजबूत होगा.
न्यायपरक इस तीन नए कानून के लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, गृहमंत्री अमित शाह जी, विधि मंत्रालय एवं देश के ख्यातिप्राप्त विधि विषेशज्ञों का सहृदय आभार व्यक्त करता हूं. हम विश्वास दिलाते हैं कि हमारी डबल इंजन की सरकार नवीन आपराधिक कानूनों की मंशा अनुरूप छत्तीसगढ़ के नागरिकों को त्वरित एवं समुचित न्याय प्रदान करने हेतु कृत संकल्पित है.
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