सीएम साय की पहल रंग लाई : छत्तीसगढ़ के स्कूलों में ‘न्योता भोज’ ने लिया परंपरा का रूप, 75 हजार से भी ज्यादा आयोजन
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने अपने गृह ग्राम बगिया में न्योता भोज कार्यक्रम की शुरुआत की थी। जिसमें स्कूली बच्चों को भोजन करवाया गया था। लेकिन सीएम की इस छोटी सी पहल ने अब बड़ा रूप ले लिया है। जिसके तहत महज 4-5 महीने में 30 हजार स्कूलों में 75 हजार से अधिक बार न्योता भोजन का आयोजन किया जा चुका है और यह कार्यक्रम लगातार जारी है।
इसी कड़ी में बुधवार को बिलासपुर जिले के सरकंडा स्थित पंडित रामदुलारे दुबे स्वामी आत्मानंद शासकीय उच्चतर माध्यमिक बालक शाला में पिछले माह रिटायर हुए शिक्षक प्रताप पाटनवार ने अपने जन्मदिन के अवसर पर 700 बच्चों के न्योता भोज का आयोजन कराया। कार्यक्रम के बाद उन्होंने रुंधे गले और आंखों में आंसुओं के साथ कहा कि, जिन बच्चों के कारण मुझे 42 साल तक सरकार वेतन देती रही और जिनके कारण मेरा घर चलता रहा उनके लिए मैं एक दिन कुछ खास कर पाया इसकी मुझे खुशी है।
उन्होंने आगे कहा कि, शासन की यह योजना वास्तव में अपने आप में एक अद्भुत योजना है। क्योंकि, हम अपनी खुशी ऐसे लोगों के साथ बांटते हैं जिन्हें उसका मोल पता है। सरकारी स्कूल में बढ़ने वाले अधिकांश बच्चे कमजोर आर्थिक स्थिति वाले घर के बच्चे हैं और उनके साथ मिलकर जब आप बैठकर भोजन करते हैं तो उनके चेहरे की खुशी देखकर न्योता भोज करने वाला भाव विभोर ना हो जाए ऐसा हो ही नहीं सकता। इससे न केवल सामुदायिक परस्परता बढ़ रही है। बल्कि, स्कूलों से आमजन का जुड़ाव भी और अधिक बेहतर तरीके से हो रहा है। साथ ही बड़े अधिकारी जब न्योता भोज के बहाने ही स्कूल पहुंचते हैं तो स्कूल की मॉनिटरिंग भी हो जाती है।
30 हजार स्कूलों में किया जा चुका है आयोजन
छत्तीसगढ़ के स्कूलों में संचालित की जा रही प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना में समुदाय की भागीदारी से अनूठा नवाचार न्योता भोज लोगों को काफी पसंद आ रहा है। सीएम विष्णुदेव साय की पहल पर शुरू किए गए न्योता भोजन के कार्यक्रम से लोग लगातार जुड़ते जा रहे हैं। राज्य के स्कूलों में विभिन्न समुदाय के लोगों के सहयोग से अब तक राज्य के 30 हजार शालाओं में 75 हजार से अधिक बार न्योता भोजन का आयोजन किया जा चुका है।
सीएम साय ने बगिया से की थी न्योता भोज की शुरुआत
सीएम विष्णुदेव साय ने कहा है कि, छत्तीसगढ़ में दान देने की परंपरा रही है, यहां नई फसल की खुशी में छेरछेरा पर्व में दान देने की परंपरा है। यह हमारे समाज की दानशीलता का उदाहरण है। हमारे शास्त्रों में भी अन्नदान को महादान की संज्ञा दी गई है। छत्तीसगढ़ सरकार बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए समाज की इसी परम्परा का सहारा ले रही है। गौरतलब है कि स्कूलों में नन्हे-मुन्हे बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए न्योता भोजन की शुरूआत स्वयं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने गृह ग्राम बगिया से की थी। उन्होंने वहां के आश्रम शाला के बच्चों को अपने जन्मदिवस पर न्योता भोजन कराया था।