छिंदवाड़ा की बहादुर महिलाओ के साहस के दीवाने हुए सीएम मोहन यादव, वीडियो कॉल पर साहस को किया सलाम

भोपाल : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने छिंदवाड़ा की दो महिलाओं के साहस की सराहना की है। भेड़िए से लड़कर खुद की जान बचाने वाली महिला को सीएम ने वीडियो कॉल कर बातचीत की। हालचाल जानने के बाद सीएम ने एयर एंबुलेंस भेजकर भोपाल में इलाज कराने की भी बात कही। इतना ही नहीं मोहन यादव ने प्रोत्साहन स्वरूप मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से एक लाख स्वीकृत भी किए।

सीएम और महिला के बीच वन-टू वन बातचीत 

सीएम मोहन यादव ने बुधवार को घायल महिला भुजलो बाई से वीडियो कॉल पर पूछा- आपकी तबीयत कैसी है? भुजलो ने कहा तबीयत ठीक नहीं हैं। यह सुनते ही सीएम ने महिला से कहा- मैंने कलेक्टर से कहा है, अभी कलेक्टर आपसे मिलने आएंगे। एसपी-कलेक्टर डॉक्टर से भी बात करेंगे और अगर वहां आपकी तबीयत ठीक नहीं होती है तो हम आपको भोपाल बुलाएंगे ताकि आपका अच्छा इलाज हो जाए।

आप पर मध्यप्रदेश को गर्व होना चाहिए 
सीएम ने कहा आप बहुत बहादुर महिला हैं। आप पर मध्य प्रदेश को गर्व होना चाहिए, आप प्रदेश की शान हैं। हमने कहा-अगर जरूरत लगेगी तो हम आपको एयर एंबुलेंस से बुलाएंगे और भोपाल में और अच्छा इलाज कराएंगे। आप किसी तरह की चिंता मत करो। यह बहुत बढ़िया काम है। आपने अपनी वीरता का परिचय अच्छे ढंग से दिया है। सीएम के पूछने पर महिला ने बताया उसके साथ बेटा-बहू हैं। फिर सीएम ने कहा कि बेटा-बहू आपकी अच्छी सेवा कर रहे हैं, आपको चिंता करने की जरूरत नहीं हैं और बेटे रामकुमार को भी कोई काम कराना हो तो बताना हम मदद करेंगे।

मैं आपके लिए एक लाख मंजूर कर रहा हूं 

सीएम ने पूछा कि जो लोग आपके साथ थे, उनकी छुट्टी हो गई? महिला ने कहा- हां, उनकी छुट्टी हो गई। फिर सीएम ने कहा- अच्छा, ठीक है…उनसे कहो, अगर उन्हें दिखाना है, उनको भी दिखवा देंगे। आप जिस बहादुरी से लड़े हो तो मैं आपके लिए एक लाख रुपए भी मंजूर कर रहा हूं। अपने बैंक की पासबुक ले आना उसमें एक लाख रुपए डाल देंगे। आपको वन विभाग से जो मदद मिलेगी, उसके अलावा मेरे अपने फंड से भी एक लाख अलग से मिलेंगे।

महिला ने भेड़िए को मार डाला

छिंदवाड़ा के खकरा चौरई गांव में शुक्रवार को खेत पर भुजलो बाई और दुर्गा बाई काम कर रही थीं। तभी भेड़िए ने हमला कर दिया। दोनों आधा घंटे तक भेड़िए से लड़ती रहीं। फिर फावड़े से हमला कर भेड़िए को मार डाला। दोनों महिलाओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से दुर्गा बाई को इलाज के बाद छुट्‌टी दे दी।

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