आतंकवाद पर चीन फिर हुआ बेनकाब, UN में आतंकी रऊफ को ब्लैक लिस्ट में डालने के भारत के प्रस्ताव पर जताई आपत्ति

संयुक्त राष्ट्र :  शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के मंच से हाल में आतंकवाद से लड़ने के वादे को भुला कर चीन ने पाकिस्तानी आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के संबंध में भारत के प्रस्ताव का विरोध किया है।

भारत के प्रस्ताव पर चीन ने जताई आपत्ति

अजहर जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर का भाई है। भारत ने यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पेश किया था। यह वही अजहर है जो 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान IC814 के अपहरण कांड में शामिल था। यात्रियों से भरा यह विमान अपहरण कर अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था और उसके बदले में मसूद अजहर और अन्य आतंकियों की रिहाई हुई थी।

आतंकी संगठन जैश ही 2001 में भारतीय संसद पर हमले और 2016 में भारतीय वायुसेना के पठानकोर्ट स्थित अड्डे पर हमले के लिए जिम्मेदार है। इन सभी हमलों में रऊफ अजहर की संलिप्तता भी सामने आई थी। अमेरिका ने उस पर 2010 से प्रतिबंध लगाया हुआ है।

बता दें कि अगस्त 2022 में भी भारत ने रऊफ अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया था, तब भी सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में चीन ने वीटो के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए प्रस्ताव रोक दिया था। लेकिन इस बार उसने इस प्रस्ताव को रोकने के साथ ही आपत्ति भी जताई है।

रऊफ की संपत्तियां हो जाती जब्त

रऊफ के वैश्विक आतंकी घोषित होने के बाद संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों में उसका आवागमन बंद हो जाता और उसकी संपत्तियां जब्त हो जातीं। विदित हो कि जैश-ए-मुहम्मद पाकिस्तान का आतंकी संगठन है और रऊफ अजहर पाकिस्तान में रहते हुए भारत पर आतंकी हमलों की साजिश रचता रहता है। चीन का ताजा कदम पाकिस्तान को खुश करने वाला है।

बीते साल 2022, जून में ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में चीन ने आतंकवादी के मुद्दे पर सभी देशों के साथ मिलकर लड़ाई लड़ने की बात कही थी और संयुक्त बयान जारी किया था। लेकिन उसके बाद जब भारत में एलईटी के आतंकी मक्की को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव रखा था वह अपने मित्र देश पाकिस्तान की हिमायत करते हुए नजर आया था।

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