Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ और झारखंड में 2050 करोड़ रुपये के शराब घोटाले को लेकर ED की छापेमारी, शीर्ष अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ और झारखंड में चल रहे 2050 करोड़ रुपये के शराब घोटाले को लेकर अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। आज, ईडी ने कई स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें आईएएस अधिकारी विनय चौबे समेत अन्य अधिकारियों और उनके चार्टर्ड एकाउंटेंट के घर शामिल हैं।
मामला क्या है?
छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर हुए शराब घोटाले के मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। इस मामले में छत्तीसगढ़ और झारखंड के अधिकारियों, विशेषकर झारखंड के तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे को भी आरोपी बनाया गया है। रायपुर निवासी विकास कुमार द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर यह केस दर्ज किया गया, जिसमें आरोप है कि शराब घोटाले की साजिश रायपुर में रची गई और इसके लिए आबकारी नीति में बदलाव किया गया।
छत्तीसगढ़ से लेकर झारखंड तक साजिश का जाल
शिकायत के अनुसार, छत्तीसगढ़ के शीर्ष अधिकारियों अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी समेत एक सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ सरकार को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाया। आरोप है कि इस सिंडिकेट ने झारखंड के अधिकारियों के साथ मिलकर झारखंड की आबकारी नीति में बदलाव किया, जिससे राज्य का राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ।
किन-किन पर हैं आरोप?
छत्तीसगढ़ के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने झारखंड के सीनियर IAS अधिकारी विनय चौबे और छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड IAS अधिकारी समेत सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इन पर झारखंड की आबकारी नीति में फेरबदल करके राज्य के खजाने को बड़ा नुकसान पहुंचाने का आरोप है। इस शिकायत के आधार पर 7 सितंबर को आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज किया गया।
पिछले साल से जारी है जांच प्रक्रिया
इस घोटाले की जांच के लिए पिछले साल भी ED ने बड़े पैमाने पर छापेमारी की थी। 23 अगस्त को रांची, देवघर, दुमका और कोलकाता के 32 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया गया था। अब तक इस घोटाले में कई नए तथ्य सामने आ रहे हैं, जिससे राज्य और केंद्र की एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।