छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में चैतन्य बघेल की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने 13 अक्टूबर तक न्यायिक रिमांड में भेजा

रायपुर : छत्तीसगढ़ के सबसे चर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. चैतन्य बघेल को 24 सितंबर काे एसीबी/ ईओडब्लू ने रिमांड पर लिया था, जो 6 अक्‍टूबर को पूरी हो गई थी. जिसके बाद आज चैतन्‍य को ईओडब्लू द्धारा रायपुर की स्‍पेशल कोर्ट में पेश किया.

सुनवाई के बाद कोर्ट ने चैतन्य बघेल को 13 अक्टूबर तक न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है. वहीं, चैतन्य बघेल की ओर से बेल के लिए ईओडब्लू कोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई है. इस जमानत याचिका पर सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी.

पूछताछ में कई अहम जानकारियां आई सामने

ईओडब्लू का कहना है कि चैतन्‍य बघेल से पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आई है. इन जानकारियों के माध्‍यम से शराब घोटाला मामले में आने वाले समय में जांच का दायरा और बढ़ाया जाएगा. इसमें कुछ और लोगों पर भी कार्रवाई हो सकती है.

जन्‍मदिन पर ईडी ने किया था गिरफ्तार

चैतन्‍य बघेल को अपने जन्‍मदिन 18 जुलाई को भिलाई स्थित आवास से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत ईडी ने हिरासत में लिया था. ईडी ने शराब घोटाले मामले में एसीबी/ ईओडब्लू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर भारतीय दंड संहिता IPC की धाराएं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं के तहत चैतन्‍य बघेल पर कार्रवाई की थी.

इस मामले में शुरूआती जांच में सामने आया था कि शराब घोटाले से राज्‍य के खजाने को भारी नुकसान हुआ है और लगभग 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई लाभार्थियों तक पहुंचाई गई हैं.

ईडी ने किया था बड़ा खुलासा

ईडी की जांच में चैतन्य बघेल को लेकर बड़ा खुलासा हुआ था. जांच रिपोर्ट के मुताबिक, बघेल को शराब घोटाले से करीब 16.70 करोड़ रुपये नकद मिले थे, जिनका उपयोग उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों में किया. बताया गया कि यह रकम ठेकेदारों को नकद भुगतान, बैंक प्रविष्टियों और अन्य माध्यमों से लेन-देन कर छिपाई गई थी.

ईडी की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि चैतन्य बघेल ने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर एक योजना बनाई थी. इस योजना के तहत ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फ्लैट खरीदे हुए दिखाए गए. इसी बहाने बघेल को लगभग 5 करोड़ रुपये अप्रत्यक्ष रूप से ट्रांसफर किए गए. बैंकिंग ट्रेल से यह पुष्टि हुई कि इन लेन-देन के दौरान ढिल्लों के खातों में शराब सिंडिकेट से आई रकम जमा हुई थी.

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