CG: विज्ञापनदाता और एड एजेंसियों के भ्रामक विज्ञापन पर अंकुश लगाने के लिये एससी ने जारी किए ये निर्देश

रायपुर। सुप्रीम कोर्ट ने उपभोक्ता हितों की रक्षा करने के लिये और आयुष औषधि निर्माता, विज्ञापनदाता, विज्ञापन एजेंसियों को भ्रामक विज्ञापन पर अंकुश लगाने के लिये निर्देश जारी किए हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आईएमए एवं अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य में भ्रामक विज्ञापन पर अंकुश लगाने और उपभोक्ता हितों की रक्षा करने के उदद्देश्य से सर्वोच्च न्यायालय के 7 मई 2024 को आदेश पारित किया गया है।

इसके तहत विज्ञापन दाताओं, विज्ञापन एजेंसियों की ओरसे अपने विज्ञापन के प्रसारण प्रकाशन से पहले स्व-घोषणा प्रस्तुत कर यह प्रमाणित किया जाएगा कि उसका विज्ञापन केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम 1994 के तहत निर्धारित विज्ञापन कोड का उल्लंघन नहीं करता है। निर्देश के मुताबिक, किसी विज्ञापन के मुद्रित, प्रसारित, प्रदर्शित होने से पहले विज्ञापनदाता, विज्ञापन एजेंसी की ओर से निर्दिष्ट पोर्टल पर एक स्व-घोषणा प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें यह प्रमाणित किया जाएगा कि उसका विज्ञापन केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम 1994 के तहत निर्धारित विज्ञापन कोड का उल्लंघन नहीं करता है। संबंधित प्रसारक, प्रिंटर, प्रकाशक, टीवी चैनल, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर अपलोड करने का प्रमाण जैसा भी मामला हो रिकार्ड के लिए रखा जाएगा।

संचालनालय आयुष छत्तीसगढ़ से इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार, निर्देश के अनुपालन में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टीवी और रेडियो के लिए प्रसारण सेवा पोर्टल https:// new.broadcastseva.gov.in/digigov-portal-web-app/ और प्रिंट, डिजिटल, इंटरनेट मीडिया के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पोर्टल https:/www.presscouncil.nic.in/ पर एक नई सुविधा शुरू की है जिसके तहत विज्ञापन दाताओं, विज्ञापन एजेंसियां अपने विज्ञापन के प्रसारण प्रकाशन से पहले अपलोड करने और स्वयं प्रमाण पत्र बनाने की सुविधा होगी। यह पोर्टल 04 जून 2024 से चालू है।

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